Monday, December 15, 2008

कब घर आओगे, मोरा जियरा उदास : पं. अजय पोहनकर



पं. अजय पोहनकर और स्वाति नाटेकर ने २००३ में 'बिरहा' नाम से एक अल्बम निकाला था. उसी से सुनिये एक क्लासिकल पीस 'कब घर आओगे, मोरा जियरा उदास'.



(यह रहा डाउनलोड लिंक: http://www.divshare.com/download/6090512-db2)

3 comments:

  1. ise sunvaane ka bahut aabhaar,
    aankh band karo to aisa lagta hai Pt. Jasraj ki jhalak sun rahe hein.

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  2. अरे कैसे हो पाण्डेय जी? पैर के क्या हाल हैं? तुम संगीत सुना रहे हो, इसका अर्थ क्या ये लगाया जाए कि तुम्हारा जी ठीक ठाक है? फ़ोन पर बात होगी.

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