Thursday, July 7, 2011

बंदर चढा है पेड़ पे करता टिली लिली...





पुनश्च : दिनेश कुमार शुक्ल जी की यह कविता दो दफ़ा कबाड़ख़ाने पर चढ़ाए जाने के बावजूद इधर कुछ महीनों से सुनाई देना बन्द हो गई थी. आज इरफ़ान ने इसे आपके वास्ते तीसरी बार अपलोड किया है. शुक्रिया इरफ़ान बाबू! - अशोक पाण्डे

2 comments:


  1. जबरदस्त ,कविता शानदार प्रस्तुति।

    ReplyDelete