बिजली
का खम्भा
-
इब्बार रब्बी
वह
चलता गया
और
अंधेरा पाकर
चूम
लिया बिजली का खम्भा
काले
लोहे का ठंडापन
क्यों
चूमा उसने
बिजली
के अंधे कंधाबरदार को
ढोएगा
जो
उलझे
तारों की
सती
निगेटिव-पाजेटिव
धाराएँ
इस
सवाल का जवाब
दर्शनशास्त्रियों,
बुद्धिजीवियों
या
केन्द्रीय मंत्रिमंडल के
किसी
भी मंत्री
के
पास नहीं है
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खंभे हैं सड़क पर
इसे
ही पसंद किया उसने
और्रों
के पास नहीं फ़ालतू वक़्त
रोशन
हैं सब
इसने
तुड़वाया बल्ब
बच्चों
की गुलेल से
ताकि
वह रात में आए
और
चूमकर चला जाए
इसके
बस का नहीं चलना
उसके
बस का नहीं रुकना
[1967]

क्या सोच है
ReplyDeleteWah gajab kavita
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