tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post1420226325375655173..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: हम बेहद भाग्यशाली हैं: शिम्बोर्स्का की कविताAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-86082155505469996072008-01-31T16:11:00.000+05:302008-01-31T16:11:00.000+05:30विस्वावा शिंबोर्स्का की कुछ कविताएं मैंने मंगलेश ज...विस्वावा शिंबोर्स्का की कुछ कविताएं मैंने मंगलेश जी के सौजन्य से पहले भी पढ़ी हैं। कितनी आसानी से वे विज्ञान की आधुनिकतम अवधारणाओं से निकलकर रोजमर्रा जीवन के ऊबड़-खाबड़पन तक टहल आती हैं! अपने जोड़ीदार ताद्यूश रोजेविच और अन्य पोलिश महाकवियों की तुलना में वे मुझे सबसे कम आध्यात्मिक लगती हैं लेकिन ज्ञान और संवेदना, दोनों में ही उनकी समान गति और सबसे बढ़कर उनकी असाधारण संबोधन क्षमता उन्हें आध्यात्मिकचंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.com