tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post158901880459464516..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: वीरेन डंगवालAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-17967353090787855022009-03-12T00:25:00.000+05:302009-03-12T00:25:00.000+05:30नोट--- भाई लोगों -कहने में क्या हानि को हटा दीजिए ...नोट--- भाई लोगों -कहने में क्या हानि को हटा दीजिए (यह डेड है)..सिंपल नाम दे दीजिए..इसे रखें जहां भी पीस में अंग्रेजी वाला हिस्सा न मिटाएं...अशोक भाई सुना न...और राजेश.आप लोग कैसे हैं ...मेरा नमस्कार...अशोक जी आपको कविताएं भेज रहा हूं अनुवाद के लिए...राजेश ने तो कह दिया है--मैं (प्रमोद) झक मार रहा हूं---प्रमोद कौसवाल...https://www.blogger.com/profile/09209609621458307031noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-41803968996800081312009-03-12T00:19:00.000+05:302009-03-12T00:19:00.000+05:30ये क्या है...छोडिए भी..A SPL. DISPATCH OF PRAMODKA...ये क्या है...छोडिए भी..<BR/><BR/>A SPL. DISPATCH OF PRAMODKAUNSWAL ON VIREN DANGWAL POEM- वीरेन डंगवाल का रामसिंह: इस कविता में एक ऐसी ताक़त है जिसको इसने नहीं पढ़ा है, वह दूसरों को ख़ूब बेवकूफ़ बना सकता है। मैंने भी ख़ूब बनाया है- हां इतना ज़रूर लिख देता हूं यह कविता का एक उत्ख़नन है। इसके अपने में ऐसे कोई मायने नहीं निकलते कि किसी की कविता से उठाकर बात कर रहा है। हमारे दफ्तर में एक सज्जन आए। ...https://www.blogger.com/profile/09209609621458307031noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-35773283487136830332008-04-15T22:39:00.000+05:302008-04-15T22:39:00.000+05:30हिन्दी का अंग्रेजी अनुवाद क्यों किया अशोक पाण्डेय ...हिन्दी का अंग्रेजी अनुवाद क्यों किया अशोक पाण्डेय जी ने. बताएं.Manas Pathhttps://www.blogger.com/profile/17662104942306989873noreply@blogger.com