tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post1879593698700744260..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: फूल रही सरसों सकल बनAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-86764012017673451242009-01-31T12:14:00.000+05:302009-01-31T12:14:00.000+05:30अशोकजी,वाह, बहुत खूब। किसी तरह ये सुनने से छूट गय...अशोकजी,<BR/>वाह, बहुत खूब। किसी तरह ये सुनने से छूट गया था। आज युनुसजी की चिट्ठे पर आपकी टिप्पणी पढकर सुनने को मिला। <BR/>संजय पटेलजी की बात सही है, हर पीढी में कला के कद्रदान हैं, बस नयी पीढी को गालियाँ कुछ ज्याद पडती हैं कि हमने सभ्यता और संस्कृति को रसातल में पंहुचा दिया :-)Neeraj Rohillahttps://www.blogger.com/profile/09102995063546810043noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-4327335362654315042009-01-14T11:11:00.000+05:302009-01-14T11:11:00.000+05:30दादा,लोग कहते हैं नई पीढ़ी क्लासिकल चीज़ों से नहीं ज...दादा,<BR/>लोग कहते हैं नई पीढ़ी क्लासिकल चीज़ों से नहीं जुड़ पाती.मेरा कहना है कि सुनाने वाले भी तो हुनर वाली चाहिए.मेरा बेटा जो इस बरस सी.बी.एस.ई.बारहवीं के इम्तेहान में बैठेगा देर रात तक पढ़ाई करने का आदी है. क्या आप यक़ीन करेंगे कि बंदा पूरी पूरी रात यही एक रचना रिवाइंड करके सुनता रहता है. जबकि कई एफ़.एम.भी उस वक़्त उपलब्ध होते हैं...पर इसे कहते हैं उम्दा मूसीक़ी का जादू...इसी रचना को साबरी बंधुओं ने संजय पटेलhttps://www.blogger.com/profile/04535969668109446884noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-77452801425843035772009-01-13T23:58:00.000+05:302009-01-13T23:58:00.000+05:30यही रचना कभी पं. जसराज जी के स्वर में नीलाभ ने मुझ...यही रचना कभी पं. जसराज जी के स्वर में नीलाभ ने मुझे भेंट में दिया था। खोजता हूँ ,नुसरत बाबा शानदारबोधिसत्वhttps://www.blogger.com/profile/09557000418276190534noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-65169272396144457092009-01-13T12:22:00.000+05:302009-01-13T12:22:00.000+05:30नुसरत बाबा शानदार !अशोक दादा जानदार !बाकी सारे खबर...नुसरत बाबा शानदार !<BR/>अशोक दादा जानदार !<BR/><BR/>बाकी सारे खबरदार !!शिरीष कुमार मौर्यhttps://www.blogger.com/profile/05256525732884716039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-2478650896442052872009-01-13T11:02:00.000+05:302009-01-13T11:02:00.000+05:30bahut accha laga sunkar..Thanksbahut accha laga sunkar..<BR/>ThanksAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/17320191855909735643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-61981403644604538642009-01-13T10:57:00.000+05:302009-01-13T10:57:00.000+05:30नुसरत फतहअली को सुनना अपने आप में सुकूं देने वाला ...नुसरत फतहअली को सुनना अपने आप में सुकूं देने वाला है। उम्दा गायकी सुनाने के लिये शुक्रिया..........anuradha srivastavhttps://www.blogger.com/profile/15152294502770313523noreply@blogger.com