tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post2071031712238774326..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: भाषा की बहस और बहस की भाषाAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-28723018357449397042008-01-29T13:32:00.000+05:302008-01-29T13:32:00.000+05:30जन सेवक जी की बात मेरी समझ में कतई नहीं आई. अलबत्त...जन सेवक जी की बात मेरी समझ में कतई नहीं आई. अलबत्ता उस में सायास प्रयोग किए गए अंग्रेज़ी शब्दों में एक 'ग्रामर' की 'स्पैलिंग' गलत है. ऐसा यहां इस लिये लिख रहा हूं कि 'ग्रामर' की गलत स्पैलिंग लिखने पर मुझे छ्ठी क्लास में मार पड़ी थी: स्कूल में भी और घर में भी.<BR/><BR/>अस्तु, यहां भी कम लिखे को कम समझा जाए, ऐसी मेरी प्रार्थना है.Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-57166576525952316092008-01-29T13:19:00.000+05:302008-01-29T13:19:00.000+05:30इष्टदेव जी, हिन्दी साहित्य के इतिहास पर अनुनाद सिं...इष्टदेव जी, <BR/><BR/>हिन्दी साहित्य के इतिहास पर अनुनाद सिंह जी की टिप्पणी से मैं सहमत हूं. <BR/><BR/>भोजपुर-अवध-ब्रज और मिथिला के अलावा भी कई जगहों पर हिन्दी अपने अपने स्तरों पर विकसित होती रही है और हो रही है - (मिसाल के तौर पर उत्तराखंड के कुमाऊं में बोली जाने वाली खास लहज़े वाली हिन्दी की एक झलक मनोहरश्याम जोशी जी की 'कसप' जैसी रचनाओं में पाई जा सकती है। इसी कुमाऊं में गुमानी जैसा हिन्दी कवि Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-72988896458209288772008-01-29T10:40:00.000+05:302008-01-29T10:40:00.000+05:30इष्टदेव जी, आपकी बाकी बातें ठीक हैं किन्तु यह कहना...इष्टदेव जी,<BR/> आपकी बाकी बातें ठीक हैं किन्तु यह कहना कि "हिन्दी का इतिहास केवल सौ वर्ष पुराना है" बहुत अज्ञानपूर्ण है। जब आप यह लिख रहें हैं तो आपके अचेतन मस्तिष्क में कहीं ये गलतफहमी है कि भोजपुरी, मैथिली आदि हिन्दी नहीं है। जरा दुनिया की कोई भाषा बताइये जिसकी उपबोलियाँ न हों। छोटा सा ब्रिटेन है, उसमें ही अंग्रेजी की दसों बोलियाँ हैं।<BR/><BR/>दूसरी बात, जरा सोलहवीं शताब्दी की अंग्रेजी अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com