tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post4063093464638309868..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: ओ जन्नत के बिछावनहारAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-84026714025933033032010-04-28T23:19:37.734+05:302010-04-28T23:19:37.734+05:30अनिल जी आप सही कह रह हैं. सच्मुच भरमार है ऐसे गीतो...अनिल जी आप सही कह रह हैं. सच्मुच भरमार है ऐसे गीतों की हमारे यहाँ. लेकिन मुख्य धारा मे वे गीत नही ना चलते... जैसे उधर बोब मार्ले का बफेल्लो सोल्जर, पॉल साईमन का ग्रेस्लेंड , ट्रेसी चप्मन का फास्ट कार्स, माईकल जेक्सन और लिओनेल रिची का वी आर द वर्ल्ड, अर्थ सोंग ..... काल जयी हो जाते हैं. यहाँ क्यों नहीं ? आम आदमी की ज़ुबान पर. चे गुएरा का फोटू टीनेजर टीशर्ट पर छप जाता है. .... हमारे यहाँ भगत अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-73286524867416595082010-04-28T16:36:30.477+05:302010-04-28T16:36:30.477+05:30भरमार है ऐसे गीतों की अजेय भाई। भरमार। मिसाल के दौ...भरमार है ऐसे गीतों की अजेय भाई। भरमार। मिसाल के दौरान पर आप दिल्ली जाएं। वहां आईबीएन-7 के दफ्तर में पंकज श्रीवास्तव से मिले और प्रार्थना कर-छापक छैल छिउलिया हलत वन गहबर न हो- सुनें। बानी की दिक्कत होगी तो भाव वे बता देंगे। अद्भुत कविता है। आपकी भी बोली में जरूर बीसियों ऐसे गीत होंगे।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/04419500673114415417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-73215006838591679602010-04-27T22:34:27.991+05:302010-04-27T22:34:27.991+05:30अच्छा गीत . अपने यहाँ भी कम गम्भीर कविता नही लिखी ...अच्छा गीत . अपने यहाँ भी कम गम्भीर कविता नही लिखी गई....लेकिन शायद ही कोई गाई गई....और इस तरह मशहूर हुई. हमारे सिस्टम मे कोई गदबडी है या कि हमारा श्रोता ही पका नही अभी तक.....कि रीति काल से ले कर आज तक होंठ रसीले ही गुनगुनाना चहता रहा है ? <br />क्या हम केरेबियन और अफ्रीकन संगीत तक भी नही पहुँच सके? लानत है.अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-80343244885031906502010-04-27T12:59:45.292+05:302010-04-27T12:59:45.292+05:30जे हुई ना बात। असोक पाईन्दाबादजे हुई ना बात। असोक पाईन्दाबादAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/04419500673114415417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-53071480397839784632010-04-27T12:49:22.467+05:302010-04-27T12:49:22.467+05:30लगा दिया भाई गाना भी. और हां अच्छा अनुवाद किया है....लगा दिया भाई गाना भी. और हां अच्छा अनुवाद किया है. बहुत अच्छा!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-11383712390043652432010-04-27T12:46:35.869+05:302010-04-27T12:46:35.869+05:30...I don't wanna give it
Why you wanna give it......I don't wanna give it<br />Why you wanna give it<br />Why you wanna givin it all away<br />Hey, hey, hey<br />Now you wanna give it<br />I should wanna give it<br />Cuz you're givin it all away, no no ...<br /><br />Paved paradise, and put up a parking lot ...<br /><br />गाना लगाऊं साहब?Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com