tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post6175373272564984441..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: फुटबाल के मैदान पर ओस की बूंदेAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-44621879647620229302009-12-09T18:53:09.558+05:302009-12-09T18:53:09.558+05:30जो लोग छोड़े हैं, वे बताएं। मैंने फुटबॉल तो कभी खे...जो लोग छोड़े हैं, वे बताएं। मैंने फुटबॉल तो कभी खेला नहीं और जो-जो गेम खेले हैं, उन्हें छोड़ने का मौका कभी छोड़ता नहीं। आदमी की तरह जीना है तो मरने के दिन भी कुछ न कुछ खेल कर मरना चाहिए, ऐसी मेरी राय है... विनम्र।चंद्रभूषणhttps://www.blogger.com/profile/11191795645421335349noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-68748179639329323682009-12-09T13:58:38.484+05:302009-12-09T13:58:38.484+05:30भाई मैंने गद्य का आस्वाद प्राप्त करने हेतु इस पो...भाई मैंने गद्य का आस्वाद प्राप्त करने हेतु इस पोस्ट को पढ़ा। स्व की हिफाजत तो करनी चाहिए क्योंकि वह मेरे ख्याल से निज का पर्याय है माने यह कि हममें जो कुछ भी सकारात्मक है और मानवीय गरिमा से जुड़ा है पर ई ससुरा इगो तो होता ही वनैल, जंगली और हिंस्र, जितनी जल्दी हो सके रेशनलिटी को जगाकर इसे भगा देना चाहिए। पुनर्नवा होने का प्रयास परवान चढे यही दुआ है।कामता प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/10017796675691176190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-80891628070642269272009-12-09T11:28:12.170+05:302009-12-09T11:28:12.170+05:30इसे कहते हैं सोने में सुहागा
वडनेरकर जी को भी बधाई...इसे कहते हैं सोने में सुहागा<br />वडनेरकर जी को भी बधाई .के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-66024155873461518592009-12-09T09:29:26.355+05:302009-12-09T09:29:26.355+05:30badhiya hai...se khali kam nahi chalaya ja sakata!...badhiya hai...se khali kam nahi chalaya ja sakata! kabadi ke rup mein ap bhate ja rahe hain. harmonium chhod-chhad ke yaha maujud hain, yahi sukun ki bat hai.hamarijaminhttps://www.blogger.com/profile/16417975292962582931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-22169884745744379872009-12-09T06:28:20.823+05:302009-12-09T06:28:20.823+05:30सही कहूँ, शीर्षक देख कर यहाँ आया था। यादव जी, प्रस...सही कहूँ, शीर्षक देख कर यहाँ आया था। यादव जी, प्रसन्न हुआ।<br />शुद्ध ब्लॉगरी की पोस्ट। टटकी, ताजी और नई उद्भावनाएँ समेटे।<br />धन्यवाद अच्छी रचना पढ़वाने के लिए।गिरिजेश राव, Girijesh Raohttps://www.blogger.com/profile/16654262548719423445noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-44454283693306054772009-12-09T04:08:39.385+05:302009-12-09T04:08:39.385+05:30बढ़िया है जी...पर दिमाग़ खराब हो गया है.
काश कि श...बढ़िया है जी...पर दिमाग़ खराब हो गया है.<br /><br />काश कि शब्दों के सफ़र से पीछा छूटे <br />काश कि हम भी सुबह जल्दी उठें<br />काश कि कुछ पुराने शौक ताज़ा हों<br />काश कि हम पुराने से लगें<br />काश कि पहले सी चोटें खाएं<br />और मरहम भी न लगे<br />काश कि याद आए कोई प्रार्थना, कि<br />गुनगुनाएं और भरोसा खुद में जागे<br />काश कि मिल जाएं एक बार <br />बिसरे चेहरे और पहचाने भी जाएं<br />काश कि इस अजित वडनेरकरhttps://www.blogger.com/profile/11364804684091635102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-45886302433663091132009-12-08T23:06:37.149+05:302009-12-08T23:06:37.149+05:30अच्छी रचना। बधाई।अच्छी रचना। बधाई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.com