tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post6202434435038425806..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: भारतीय का तराना गाता है पाकAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-507745629413052422009-02-14T00:18:00.000+05:302009-02-14T00:18:00.000+05:30उर्दू सीखना चाहता हूँ। टाइप करना आ गया है। आज लुग़...उर्दू सीखना चाहता हूँ। टाइप करना आ गया है। आज लुग़त पकड़ ली। सवाक और रूमचे का मतलब नहीं मिला। ख़ैर, आधे से ज़्यादा कविता तो समझ गया। <BR><BR>उर्दू की सतरें उर्दू की लिपि में भी दें दिया करें तो अच्छा होगा।<BR><BR><BR/>लुग़त में इतने सारे शब्द देखने पड़ गए:<BR><BR/><A HREF="http://www.crulp.org/oud/viewword.aspx?refid=14035" REL="nofollow">सरज़मीन</A><BR><BR/><A HREF="http://www.crulp.org/oud/सोनूhttps://www.blogger.com/profile/15174056220932402176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-11762045625799798392009-02-08T16:48:00.000+05:302009-02-08T16:48:00.000+05:30पंक्षी , नदिया , पवन के झोंके के ही साथ साथ कला और...पंक्षी , नदिया , पवन के झोंके के ही साथ साथ कला और साहित्य को भी कोई सरहद नहीं रोक सकता।संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-26866537833207588652009-02-07T22:01:00.000+05:302009-02-07T22:01:00.000+05:30अच्छा लगा जानकर। कला व साहित्य की कोई सीमा नही होत...अच्छा लगा जानकर। कला व साहित्य की कोई सीमा नही होती।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-91277715170317205852009-02-07T17:08:00.000+05:302009-02-07T17:08:00.000+05:30अच्छी और ज़रूरी जानकारी विनीत! धन्यवाद!अच्छी और ज़रूरी जानकारी विनीत! धन्यवाद!Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com