tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post7522298543543492232..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: ऊंचाई है कि हर बार बची रह जाती है छूने कोAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-10445507377175394512008-02-27T08:15:00.000+05:302008-02-27T08:15:00.000+05:30सुबह की इससे बढ़िया शुरुआत नहीं हो सकती थी। शानदार...सुबह की इससे बढ़िया शुरुआत नहीं हो सकती थी। शानदार कविताएं। बना रहे कबाङखाना।दीपा पाठकhttps://www.blogger.com/profile/12130328147834660274noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-70436327648684621212008-02-26T13:42:00.000+05:302008-02-26T13:42:00.000+05:30इतनी अच्छी कविता पढ़वाने के लिए धन्यवाद ।घुघूती बास...इतनी अच्छी कविता पढ़वाने के लिए धन्यवाद ।<BR/>घुघूती बासूतीghughutibasutihttps://www.blogger.com/profile/06098260346298529829noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-77676667527126783362008-02-26T10:52:00.000+05:302008-02-26T10:52:00.000+05:30जी हां ! मैंने भी 'अनहद नाद' पर उनकी कुछ कविताएं प...जी हां ! मैंने भी 'अनहद नाद' पर उनकी कुछ कविताएं पोस्ट की हैं . उन्हें इस बारे में सूचित भी कर दिया था और उस सूचना पर उनकी प्रसन्न-प्रतिक्रिया को ही मैंने साधिकार उनकी अनुमति मान लिया था . वे पूरे उत्साह के साथ सकारात्मक थे इस नए माध्यम पर अपनी कविताओं की उपस्थिति को लेकर . इस बेहद ज़िंदादिल कवि ने अपनी छवि के अनुकूल ही खुलापन दिखाया है . उनके प्रति सम्मान और बढ गया .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-56724123207567504592008-02-26T10:15:00.000+05:302008-02-26T10:15:00.000+05:30वाह पांडे जी- आनंद आ गया - कमाल का दस्तावेज है -...वाह पांडे जी- आनंद आ गया - कमाल का दस्तावेज है - कमबख्त महत्वाकांक्षा [ लेकिन पानी बहकर नीचे ही आयेगा - अंततः / शिखर का गदाराया पेड़ भी ठूंठ में बदल ही जाएगा ] - अच्छी सुबह की शुरुआत - मनीषAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/08624620626295874696noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-72843478934534317892008-02-26T10:07:00.000+05:302008-02-26T10:07:00.000+05:30ऊंचा तो ऊंचा सुनेगा, ऊंचा समझेगा क्या बात है, बड़ी...<I>ऊंचा तो ऊंचा सुनेगा, ऊंचा समझेगा<BR/></I> क्या बात है, बड़ी अच्छी है शब्दों की ये कलाकारीTarunhttps://www.blogger.com/profile/00455857004125328718noreply@blogger.com