tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post7785511418370155480..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: मीना बाज़ार नहीं था नीरज कुमार का जीवनAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-4004493720880839212010-01-08T11:06:25.015+05:302010-01-08T11:06:25.015+05:30विनम्र श्रद्धांजलि.
मीना बाज़ार सा न मेरा रखरखाव...विनम्र श्रद्धांजलि.<br /><br /><br /><br />मीना बाज़ार सा न मेरा रखरखाव था<br />फुटपाथ की दुकाँ थी बड़ा मोल-भाव था.'<br />...................<br /><br />नायाब शेरनिर्झर'नीरhttps://www.blogger.com/profile/16846440327325263080noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-77215495479616302912009-12-22T14:29:29.371+05:302009-12-22T14:29:29.371+05:30यारों के किस्से जितने नज़दीक से सुनो.......दिल उतना...यारों के किस्से जितने नज़दीक से सुनो.......दिल उतना ही इस दुनिया से दूर चला जाता है..अंतरीक्ष में कही.....:-(abcdhttps://www.blogger.com/profile/01654266851862904586noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-79137191322814373572009-12-22T10:18:23.612+05:302009-12-22T10:18:23.612+05:30विनम्र श्रद्धांजलि.
शेर और आपके किस्सों से एक तस्...विनम्र श्रद्धांजलि.<br /><br />शेर और आपके किस्सों से एक तस्वीर बुन तो ली है फिर भी दिल सोचता है कि काश आप एक उनकी तस्वीर भी लगा ही देते.के सी https://www.blogger.com/profile/03260599983924146461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-40082926287629642692009-12-22T09:30:12.143+05:302009-12-22T09:30:12.143+05:30विजय जी, याद करने का यह तरीका मुझे नाकाफी लगता है।...विजय जी, याद करने का यह तरीका मुझे नाकाफी लगता है। सहयोग जुटाकर उनकी रचनाएं छपवाओ, यह सच्ची श्रद्धांजलि होगी। पकी उमर में भी रोमोंटिसिज्म में रहना ठीक नहीं होता। कैलकुलेटेड आवारगी नहीं करते थे और लोगों की तरह नीरज जी, तबीयत से ही वे वैसे थे, यह जानकारी साझा करने के लिए आभार। अच्छी-भली नौकरी को बचाये रखते हुए मस्त दिखते फक्कड़ तो बहुतेरे मिलेंगे पर नीरज जी शायद अकेले थे।कामता प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/10017796675691176190noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-61680818996509360092009-12-21T18:15:35.104+05:302009-12-21T18:15:35.104+05:30विजय जी ऐसी अजीम शक्शियत का यूँ चुपके से चले जाना ...विजय जी ऐसी अजीम शक्शियत का यूँ चुपके से चले जाना यक़ीनन बहुत दिल दुखाने वाली बात है...अफ़सोस की मैंने भी उनके बारे में कभी कहीं सुना...जबकि सैय्यद रियाज़ साहब से थोडा बहुत राबता रहा है हमारा..एक मुलाकात और चंद फोन काल्स का...मुंबई में जितनी भी नशिष्ट की महफ़िलों में गया वहां भी कभी उनके नाम की चर्चा नहीं सुनीं जबकि मेरा और उनका नाम भी एक ही है...कुछ बेहतरीन फनकार अपने आपको बेचने का हुनर नहीं नीरज गोस्वामीhttps://www.blogger.com/profile/07783169049273015154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-12568562877150857052009-12-21T17:59:29.295+05:302009-12-21T17:59:29.295+05:30हद है... कैसे कैसे कमाल शायर...हद है... कैसे कैसे कमाल शायर...सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-731728102377678202009-12-21T17:59:04.606+05:302009-12-21T17:59:04.606+05:30इस ख़ाना-ए-हस्ती से गुज़र जाऊंगा बेलौस
साया हूँ फ़...इस ख़ाना-ए-हस्ती से गुज़र जाऊंगा बेलौस<br />साया हूँ फ़क़त नक्श-ब-दीवार नहीं हूँ.'<br /><br />सच कहा..ऐसे लोग अक्सर यूं ही गुजर जाते है फकीरों की माफिकडॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.com