वाह वाह वाह वाह, अशोक जी ! क्या बीनाई है पेद्रो साहब की। "अल्लाह दिखता है बशर देख रहे हैं" (अज्ञात).
सब की सब नावें बहुत सुंदर !
वाह वाह वाह वाह, अशोक जी ! क्या बीनाई है पेद्रो साहब की। "अल्लाह दिखता है बशर देख रहे हैं" (अज्ञात).
ReplyDeleteसब की सब नावें बहुत सुंदर !
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