tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post2374743235804859492..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: सोना लेने म्हारे पी गए, अरी मोरा सूना कर गए देसAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-896145441478404132011-12-27T16:09:00.452+05:302011-12-27T16:09:00.452+05:30दोनो वीडिओ सुने. लाजबाव गायान. काव्य को जी कर गाना...दोनो वीडिओ सुने. लाजबाव गायान. काव्य को जी कर गाना इसे कहते हैं. लाजवाब. संगीत की जब बात आती है , मुझे पाकिस्तान से ईर्ष्या होती है.अजेयhttps://www.blogger.com/profile/05605564859464043541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-12028458111982399192011-12-26T05:57:18.662+05:302011-12-26T05:57:18.662+05:30कला और साहित्य ही तो सीमाओं से परे एक अलग जहाँ बना...कला और साहित्य ही तो सीमाओं से परे एक अलग जहाँ बनाते हैं.. शुक्रिया इस पोस्ट के लियेVandana Ramasinghhttps://www.blogger.com/profile/01400483506434772550noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-19009927624562393322011-12-25T17:02:05.473+05:302011-12-25T17:02:05.473+05:30बहुत खूब. हम अभी तक लांगा-मांगणियारों से ही सुनते ...बहुत खूब. हम अभी तक लांगा-मांगणियारों से ही सुनते रहे थे यह.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-35373281226055353662011-12-25T15:55:42.438+05:302011-12-25T15:55:42.438+05:30अहा, सुन्दर स्वर।अहा, सुन्दर स्वर।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-89229518795829115112011-12-25T14:49:30.031+05:302011-12-25T14:49:30.031+05:30अशोक भाई, मजा आ गया. इकबाल अभिमन्यु वाली पोस्ट भी ...अशोक भाई, मजा आ गया. इकबाल अभिमन्यु वाली पोस्ट भी दोबारा सुनी. मोटे तौर पर जो माहौल बनाया गया है, उससे लगता है कि दोनों मुल्कों में बस मुख्तलिफ-मुख्तलिफ ही हालात हैं लेकिन मिले-जूले सूत्र इतने ज्यादा बिखरे हुए हैं कि हैरत होती है. फोल्क में तो और भी ज्यादा. कुछ बरस पहले रेशमा करनाल आईं थीं, मैं उन्हें पंजाब मूल क ई समझाता था. बातचीत होने लगी, मैंने अपने साथ बैठे प्रोफ़ेसर अबरोल से उनका परिचय कियाEk ziddi dhunhttps://www.blogger.com/profile/05414056006358482570noreply@blogger.com