tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post9007766772719888266..comments2023-10-29T13:39:06.893+05:30Comments on कबाड़खाना: स्मृतियों के एकांत संगीत में गोविन्द बल्लभ पंत की स्मृति और शमशेर की एक कविताAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-79519877297104643352017-05-03T01:08:11.770+05:302017-05-03T01:08:11.770+05:30धन्यवाद की आपने पन्त जी के बारे में लिखा. क्या आप ...धन्यवाद की आपने पन्त जी के बारे में लिखा. क्या आप मुझे उनके एकांकी विषकन्या के बारे में बता सकते है. मुझे इसमें अत्यधिक जानकारी की ज़रुरत है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12918771792379890712noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-1523855059908753312007-12-23T22:12:00.000+05:302007-12-23T22:12:00.000+05:30पूरा ब्लॉग यहाँ लंदन में शेपा के सानिध्य में पढ़ा ...पूरा ब्लॉग यहाँ लंदन में शेपा के सानिध्य में पढ़ा गया. आनंद लिया गया और सभी नए-पुराने मित्रों को याद किया गया. अच्छा रहा.Rajesh Joshihttps://www.blogger.com/profile/00229556478300789066noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-42792399995279063262007-12-22T01:35:00.000+05:302007-12-22T01:35:00.000+05:30आपका शुक्रिया, मुझे तो आप के इस लेख से ही पता चला ...आपका शुक्रिया, मुझे तो आप के इस लेख से ही पता चला कि इस तरह कि कोइ हस्ती हमारे बहुत नज़्दीक थी, और मै आज़ तक अंजान.स्वप्नदर्शीhttps://www.blogger.com/profile/15273098014066821195noreply@blogger.com