tag:blogger.com,1999:blog-12739518866158780382024-03-14T04:41:31.044+05:30कबाड़खानाAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comBlogger5400125tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-71124646122277118862020-04-26T10:39:00.001+05:302021-07-26T11:31:27.914+05:30हिमालय और लालच की मशीन
अक्टूबर 1995 था. सबीने और मैं
पिछले तीन-चार महीनों से मध्य हिमालय की सुदूरतम घाटियों की धूल छानते भटक रहे थे.
धारचूला की व्यांस, दारमा और चौंदास घाटियों के लम्बे और थका
देने वाले सैकड़ों किलोमीटर के ट्रेक के बाद हम मुनस्यारी से शुरू होने वाली जोहार
घाटी में पहुँच गए थे. धारचूला की घाटियों के मुकाबले इस घाटी में रह रहे लोगों की
संख्या काफी कम थी. धारचूला की घाटियों के गाँवों में हमें खाने केAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-89757673060682491362019-04-16T22:03:00.001+05:302021-07-26T11:36:23.425+05:30मैं हंसते हंसते दम तोड़ देता अगर मुझे रोना न आता - अमित श्रीवास्तव की कविता
हेनरी रूसो की पेंटिंग 'हॉर्स अटैक्ड बाई अ जगुआर'
अमित श्रीवास्तव की कविता की सबसे बड़ी खूबी यह है कि वह एक साथ अनेक परतों
और आयामों पर काम करती जाती है - कई बार ऐसा सायास भी होता है लेकिन अमूमन वह एक
नैसर्गिक स्वतःस्फूर्तता से लबरेज होती है. उनकी कविता एकान्तिक नहीं सार्वजनिक
सरोकारों की मजबूत पैरोकारी करती है; उसके भीतर न सिर्फ
हमारे हमारे समय की विद्रूपतम सच्चाइयों की तरफ हिकारत से Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-53843018224397554422018-08-14T00:41:00.004+05:302021-07-26T11:38:33.058+05:30पानी का धोका है और सोन मछरिया है
अजन्ता देव के पांच माहिये 1.खुलने से खुले बस्तातू कितनी महँगी हैमै भी तो नहीं सस्ता. 2.ये जोग बिजोग के दिनकाटेगा भला कैसेकमबख्त बड़ा कमसिन. 3.ये रेत का दरिया हैपानी का धोका हैऔर सोन मछरिया है. 4.हाँ मैंने दिया है दिलपर सारे क़िस्से मेंये चाँद भी है शामिल. 5.आंधी के पत्ते हैंउड़ते फिरते रहतेदिल्ली कलकत्ते हैं.
अजन्ता देव
Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-2656249235164477522018-08-06T15:09:00.001+05:302018-08-06T15:09:45.254+05:30एक तस्वीर की कहानी
इस फोटू के साथ दो या तीन कहानियां
वाबस्ता हैं. मशहूर चित्रकार बी. मोहन नेगी ने करीब बाईस-तेईस साल पहले नैनीताल
में इसे खींचा था जो एक कार्यक्रम के सिलसिले में अपनी चित्र प्रदर्शनी लेकर आये
थे..
फोटू में वीरेनदा ने जो सफ़ेद स्वेटर
पहना हुआ है वह मैंने बड़ी हसरत से उसी सुबह अपने लिए खरीदा था. वह बरेली से
मिलिट्री ग्रीन कलर की एक पुरानी सड़ियल जैकेट पहन कर आया था जिसके भीतर की लुगदी
जैसी Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-7686066699053174942018-08-06T12:21:00.000+05:302018-08-06T12:21:42.069+05:30कौन थे चन्द्रसिंह गढ़वाली
1994
में भारत सरकार ने उनकी फोटू वाला एक डाक टिकट जारी किया और नामकरण किये जाने से
छूट गईं एकाध सड़कों के नाम उनके नाम पर रख दिए. उत्तराखंड बनने के बाद जब राज्य
सरकार को अपने स्थानीय नायकों की आवश्यकता पड़ी तो इतिहास के पन्ने पलटे गए और
चन्द्रसिंह गढ़वाली का नाम खोज निकाला गया क्योंकि अनेक सरकारी योजनाओं का नामकरण
करने को एक नाम की ज़रुरत थी.
आज
चन्द्रसिंह गढ़वाली द्वारा पेशावर में की गयी एकAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-83545436156130200472018-08-05T20:00:00.000+05:302018-08-05T20:00:18.784+05:30चलो दिलदार चलो, चाँद के पार चलो
फ़िल्मी गानों की समीक्षा – 4
चलो
दिलदार चलो,
चाँद के पार चलो
प्रस्तावना: ऐतिहासिक
महत्त्व की यह कविता 1960
के दशक के भारतीय विज्ञान की सीक्रेट फाइल्स में दफ्न एक कथा पर
आधारित है.
काव्य
समीक्षा: कुमाऊनी लोकगायन की बैर शैली में रची गयी इस कविता में कवि का डबल रोल
है. कहीं-कहीं इसे उकसावा अथवा अनुमोदन शैली भी कहा जाता है. ऐसी कविताओं में हाँ
में हाँ मिलाने का कायदा है. इसके अलावा जिस Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-69334068476376172172018-08-04T20:00:00.000+05:302018-08-04T20:00:02.879+05:30सोचेंगे तुम्हें प्यार करें कि नहीं
फ़िल्मी गानों की समीक्षा – 3
सोचेंगे
तुम्हें प्यार करें कि नहीं
काव्य
समीक्षा:
“ख़्वाबों में छुपाया तुमको,
यादों में बसाया तुमको”
- कवि द्वारा नायिका का अपहरण कर उसे न सिर्फ सपनों में छिपाया गया है कवि
की स्मृतियों में मुल्क में उसका फर्जी पासपोर्ट भी बनवा दिया गया है. इन अपराधों
के लिए कवि को इन्डियन पीनल कोड की धाराओं 363 और 369
के तहत सज़ा हो सकती है. बेपरवाही कवियों के स्वभाव में Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-48785936756804951042018-08-04T08:00:00.000+05:302018-08-04T08:00:10.203+05:30मालवीय नगर की बात क्या कहूं
हमारे समय के बड़े कवि की
ताज़ा कविताओं की सीरीज़ – 2
प्रेम वाटिका
- असद ज़ैदी
''मुस्कुराते क्यों हो?" तुमने कहा, ''यह घर
प्रेम ही से चला है अब तक."
''अभी तुम मिले देखा कितनी सुंदर बहू है मेरी
वफ़ादार बेटा और इतना प्यारा सा इनका बच्चा...
और फिर मैं भी यहाँ हूँ
जैसा तुमने कहा—
निश्चिंत, प्रसन्न और सम्पन्न दिखती विधवा!"
मैंने घूमकर उसका घर देखा
इतने बरस बाद
दो Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-38303872344429499652018-08-03T20:00:00.000+05:302018-08-03T20:00:20.933+05:30दिल जलता है तो जलने दे
फ़िल्मी गानों की समीक्षा – 2
दिल जलता है तो जलने दे
प्रस्तावना: दिल अर्थात हृदय के अस्तित्व को लेकर विशेषज्ञ अभी
एकमत नहीं हो सके हैं. कोई कहता है कि यह मनुष्य की आत्मा का दूसरा नाम है तो कोई
इसे मनुष्य के जीवन का सबसे बड़ा वहम बतलाता है. एक अपेक्षाकृत नवीन चलचित्र का
नायक इसे कैमिकल लोचे के स्रोत का नाम देता है. इसके बावजूद सर्वमान्य सर्वज्ञात
तथ्य है कि इसके बगैर Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-66790940265633428642018-08-03T14:12:00.000+05:302018-08-03T14:12:39.143+05:30पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले
फ़िल्मी गानों की समीक्षा – 1
पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर ले
काव्य समीक्षा: कविता की पहली पंक्ति में नायक
जीवन की क्षणभंगुरता की तरफ इशारा करते हुए नायिका द्वारा फकत एक पल के लिए झूठा
प्यार कर लिए जाने की अभिलाषा व्यक्त करता है कि “पल भर के लिए कोई हमें प्यार कर
ले!” सामान्य दृष्टि से देखा जाय तो प्रेम को यहीं से कविता की मूल आत्मा के रूप
में प्रतिष्ठित करने का उद्यम Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-81875083600903776772018-08-03T08:00:00.000+05:302018-08-03T08:00:11.871+05:30पर ढंग के तीन मृत्युलेख भी न छपे अख़बारों में
हमारे
समय के बड़े कवि की ताज़ा कविताओं की सीरीज़ – 3
नया रिपोर्टर
-असद ज़ैदी
एक दिन में दो हास्य
कवियों का निधन!
अब इस पर रोना भी हँसने
जैसा ही होगा.
रोज़ी रोटी तो उनकी खूब
चली कविता से
पर ढंग के तीन मृत्युलेख
भी न छपे अख़बारों में.
संस्कृति सम्पादक कुछ
संवेदनशील टाइप के थे
इंदिरा गाँधी का ज़माना था
कहा दोनों के घर जाकर कुछ
रिपोर्ट बना लाओ.
पहले हास्य कवि की Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-39667157588534126082018-08-02T16:03:00.003+05:302018-08-02T16:03:54.928+05:30यूजीन दे ब्लास की कुछ पेंटिंग्स - 2Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-55355290790625638002018-08-02T15:59:00.002+05:302018-08-02T15:59:49.482+05:30यूजीन दे ब्लास की कुछ पेंटिंग्स - 1
यूजीन दे ब्लास
उन्नीसवीं सदी के इतालवी
चित्रकार यूजीन दे ब्लास (1843-1932) की कुछ पेंटिंग्स देखिये -
Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-70868187976485723982018-08-02T13:18:00.001+05:302018-08-02T13:18:23.393+05:30लब्ब यू
लब्ब यू
-विवेक सौनकिया
शुकुल बाबू ने ‘दिमाग
का दही कैसे बनायें’ विषय पर शोध कार्य हाल ही में संपन्न
किया था और पापी पेट के सवाल पर नारद मुनि के पेशे में अल्मोड़ा आन टपके थे ठीक
हमारी तरह. व्हाट्सऐप पर प्राप्त डिग्री के सहारे प्राप्त
ज्ञान का आउटलेट खोलने के लिये अल्मोड़े में इधर से उधर डोलते शुकुल बाबू से एक
तुलसी डबल जीरो के पान और चाय के साथ शुरू हुयी दोस्ती बिना किसी ‘Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com3tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-3276154733082683562018-08-02T08:00:00.000+05:302020-06-29T03:29:58.101+05:30मरणशीलों में सबसे मरणशील है यह बाइनरी कोड
हमारे समय के बड़े कवि की ताज़ा कविताओं की सीरीज़ – 2
कैरेन हेल की पेंटिंग 'वेल्ड मेमरी'
वही जीवन फिर से
- असद ज़ैदी
कितने लोग हैं इस दुनिया में जिन्होंने गाहे बगाहे
रोककर कभी मुझसे कहा - ऐ भैया ...
किसी ने बस रास्ता पूछा एक औरत ने आधी रोटी माँगी
या कहा कि बीमार है छोरी, किसी डागदर से मिलवा दे
किसी ने इसलिए पुकारा कि मुड़के देखूँ तो मेरी शक्ल देख सके
आँखें मिचमिचाए औरAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-89564012724289094072018-08-01T14:39:00.001+05:302018-08-01T14:39:39.175+05:30सलाम अरे आसिफ़ा!
अरिजीत सिंह का बनाया पोस्टर
हमारे समय के बड़े कवि की ताज़ा कविताओं
की सीरीज़ – 1
आसिफ़ा के नाम
-असद ज़ैदी
सलाम अरे आसिफ़ा!
तुमको मेरा और तुम्हारी ख़ाला का सलाम पहुँचे!
चुन्नो और नवाब भी सलाम कहते हैं...
ये हमारे बच्चे नहीं, तुम भी इनको नहीं जानती ... पर हैं बड़े ना-अहल.
तमाम नालायक़ बच्चों का सलाम पहुँचे तुम्हें और तुम्हारे घोड़ों को
वे जलन से मरे जाते Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com1tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-41250114006714260752018-07-08T01:55:00.000+05:302018-08-14T01:56:12.561+05:30एक जंगल था नवम्बर की धूप में नहाया हुआ
यात्रा
- एकांत श्रीवास्तव
नदियां थीं हमारे रास्ते में
जिन्हें बार-बार पार करना था
एक सूर्य था
जो डूबता नहीं था
जैसे सोचता हो कि उसके बाद
हमारा क्या होगा
एक जंगल था
नवम्बर की धूप में नहाया हुआ
कुछ फूल थे
हमें जिनके नाम नहीं मालूम थे
एक खेत था
धान का
पका
जो धारदार हंसिया के स्पर्श से
होता था प्रसन्न
एक नीली चिड़िया थी
आंवले की झुकी हुई टहनी से
अब उड़ने को तैयार
हमAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com2tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-34785205045008631142018-07-07T01:53:00.000+05:302018-08-14T01:53:51.727+05:30वसंत हँसेगा गाँव की हर खपरैल पर
वसंत
-एकांत श्रीवास्तव
वसंत आ रहा है
जैसे माँ की सूखी छातियों में
आ रहा हो दूध
माघ की एक उदास दोपहरी में
गेंदे के फूल की हँसी-सा
वसंत आ रहा है
वसंत का आना
तुम्हारी आँखों में
धान की सुनहली उजास का
फैल जाना है
काँस के फूलों से भरे
हमारे सपनों के जंगल में
रंगीन चिड़ियों का लौट जाना है
वसंत का आना
वसंत हँसेगा
गाँव की हर खपरैल पर
लौकियों से लदी बेल की तरह
और गोबर से Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-21932613769390259322018-07-05T01:49:00.000+05:302018-08-14T01:51:09.759+05:30अभागे वृक्ष हैं हम
बांग्ला देश
-एकांत श्रीवास्तव
हमारे घर समुद्र में बह गए
हमारी नावें समुद्र में डूब गईं
हर जगह
हर जगह
हर जगह उफन रहा है समुद्र
हमारे आँगन में समुद्र की झाग
हमारे सपनों में समुद्र की रेत
अभागे वृक्ष हैं हम
बह गई
जिनके जड़ों की मिट्टी
भी महामारी कभी तूफ़ान में
कभी युद्ध कभी दंगे में
कभी सूखा कभी बाढ़ में
हमीं मरे हमीं
और हमीं रहे जीवित
विध्वंस के बाद पृथ्वी पर
घर बनातेAshok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-65678756206454310642018-07-04T01:48:00.000+05:302018-08-14T01:49:09.236+05:30इस दुनिया में हवाएँ उनका रास्ता काटती हैं
रास्ता काटना
- एकांत श्रीवास्तव
भाई जब काम पर निकलते हैं
तब उनका रास्ता काटती हैं बहनें
बेटियाँ रास्ता काटती हैं
काम पर जाते पिताओं का
शुभ होता है स्त्रियों का यों रास्ता काटना
सूर्य जब पूरब से निकलता होगा
तो नीहारिकाएँ काटती होंगी उसका रास्ता
ऋतुएँ बार-बार काटती हैं
इस धरती का रास्ता
कि वह सदाबहार रहे
पानी गिरता है मूसलाधार
अगर घटाएँ काट लें सूखे प्रदेश का रास्ता
जिनका कोई Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-60708024459728517582018-07-03T01:47:00.000+05:302018-08-14T01:47:31.586+05:30करेले बेचने आई बच्चियाँ
करेले बेचने आई बच्चियाँ
-एकांत श्रीवास्तव
पुराने उजाड़ मकानों में
खेतों-मैदानों में
ट्रेन की पटरियों के किनारे
सड़क किनारे घूरों में उगी हैं जो
लताएँ
जंगली करेले की
वहीं से तोड़कर लाती हैं तीन
बच्चियाँ
छोटे-छोटे करेले गहरे हरे
कुछ काई जैसे रंग के
और मोल-भाव के बाद तीन रुपए में
बेच जाती हैं
उन तीन रुपयों को वे बांट लेती हैं
आपस में
तो उन्हें एक-एक रुपया मिलता है
करेले की Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-27458410576615884562018-07-02T01:03:00.001+05:302018-08-14T01:05:27.300+05:30डेनियल गेर्हार्ट के बैले डांसर्स - 3
डेनियल गेर्हार्ट
Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-25236031051069170172018-07-02T01:03:00.000+05:302018-08-14T01:03:29.350+05:30डेनियल गेर्हार्ट के बैले डांसर्स - 2Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-22778043189242579342018-07-02T00:59:00.000+05:302018-08-14T01:01:31.955+05:30डेनियल गेर्हार्ट के बैले डांसर्स - 1
विस्कोंसिन
में रहने वाले डेनियल गेर्हार्ट के चित्र -
Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0tag:blogger.com,1999:blog-1273951886615878038.post-368159845191706342018-07-01T00:54:00.000+05:302018-08-14T00:57:30.108+05:30हैनरी एसेंसियो के फ्लेमेंको नर्तक - 2Ashok Pandehttp://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.com0