Wednesday, October 17, 2007

पहाड़ी ठेकुआ

लक्ष्मी होकर झाड़ू लगाए, धनपति मांगे भीख
अमर सिंह होकर मर गए, मेरा ठेकुआ नाम है ठीक

3 comments:

  1. लक्ष्मी कूटे ओखली,धनपति मांगे भीख
    अमर सिंह भी मर गए,म्यॉर ना ठेकुआ ठीक

    शायद ऎसा सुना था हो.

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  2. एक और वर्जन:

    लक्ष्मी कूटै ओखला धनपत मांगै भीख
    अमरसिंह जैसे मर गए, ठेकुआ नाम है ठीक

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