Friday, November 16, 2007

बखत बखत की बात है



मुर्गा मारे लात है

... लगी?

4 comments:

  1. लग भी गई साब, झेल भी ली।

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  2. बहुत जोर से पड़ी. समझ भी गया. अच्‍छा तरीका है भई, लात मार के समझाने का.

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  3. इसी वजन का एक छंद मेरी नजर से भी गुजरा है-

    औसर परे बिलइया रोए
    सड़ा मूस मोरा बूबू टोए

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  4. हमारे को तो लग रहा है, कबाड़खाने को लगी देखिये सारा कबाड़ भी बाहर आ गया है। अरे रे रे, बुरा मत मानियेगा, हमारा मतलब उस कबाड़खाने से है जो फोटुआ में दिख रहा है।

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