Wednesday, January 23, 2008

"सिर धरे मटकिया डोले, कोई श्याम मनोहर लो रे"



यह पोस्ट मोहल्ला वाले अविनाश की वजह से लग पा रही है। कुछ महीने पहले उन्होंने "मोरे पिछवरवा" सुना कर मुझे तो लूट ही लिया था। बनारस से ताल्लुक रखने वाले पण्डित छन्नूलाल मिश्र जी की अलौकिक आवाज़ मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत हौंट करती रही और मैंने बहुत कोशिश की कि कहीं से ही सही उन का एक ही अल्बम सही, कैसे भी मिल जाए। और कल रात यह ख्वाहिश पूरी हो गई।

पंडितजी की 'कृष्ण' वाली सीडी अब मेरे पास है। उसी से सुनिये मीराबाई का एक सुरीला भजन।

(कबीर वाले अल्बम के जुगाड़ में लग गया हूं अब।)

4 comments:

  1. देवी फाउंडेशन से संपर्क कीजिए । पता है बी 103 गुलमोहर पार्क । फोन नंबर 23411415

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  2. भई मज़ा आ गया... गज़ब की आवाज़ है,मस्त मस्त मस्त हुए जा रहे हैं हम....

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  3. सुन्दर..बेहतरीन।

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  4. शुक्रिया यूनुस जी. जल्दी ही कबीर भी कबाड़खाने में होंगे मिश्र जी की वाणी में और शिव विवाह भी.

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