

बहुत पहले कहीं एक शे'र लिखा देखा था-
देवताओं की सिफ़ारिश चाहिए,
धरतियां प्यासी हैं बारिश चाहिए.
मुझे अच्छा लगा था यह लेकिन एक विद्वान भाई को इससे यह आपत्ति थी कि 'धरतियां' के स्थान पर 'धरती' होना चाहिए.अब साहब जो भी हो यह शे'र अच्छा लगा था -बस्स. इसी तरह आज दादा सचिन देव बर्मन और दीदी रूना लैला की आवाज में 'अल्ला मेघ दे पानी दे..' सबकी खिदमत में पेश है-बिना किसी लंबी भूमिका और 'दो शब्द' के -यह कहते हुए कि यह अच्छा लगता है बस्स ...तो आप सुनें और पसंद आए तो अपनी राय जरूर दें-
देवताओं की सिफ़ारिश चाहिए,
धरतियां प्यासी हैं बारिश चाहिए.
मुझे अच्छा लगा था यह लेकिन एक विद्वान भाई को इससे यह आपत्ति थी कि 'धरतियां' के स्थान पर 'धरती' होना चाहिए.अब साहब जो भी हो यह शे'र अच्छा लगा था -बस्स. इसी तरह आज दादा सचिन देव बर्मन और दीदी रूना लैला की आवाज में 'अल्ला मेघ दे पानी दे..' सबकी खिदमत में पेश है-बिना किसी लंबी भूमिका और 'दो शब्द' के -यह कहते हुए कि यह अच्छा लगता है बस्स ...तो आप सुनें और पसंद आए तो अपनी राय जरूर दें-
इन दोनों को सुनने के बाद फ़िल्म 'गाइड' तो याद आएगी ही किसी और हिन्दी फ़िल्म का कोई हिट गाना याद आ गया हो तो मुझे दोष मत दीजिएगा,लगे हाथ वह भी सुन लेना कोई बुरा अनुभव तो नहीं ही रहेगा - खैर..
दादा सचिन ,की आवाज़ मे कई दफ़ा सुना है- रूना लैला वाला आज पहली बार सुना--शुक्रिया॥
ReplyDeleteजैसा पारुल जी ने कहा, ठीक वही मेरे साथ भी हुआ. रूना लैला की आवाज़ में मैंने भी पहले कभी नहीं सुना था. बढ़िया है साहब!
ReplyDeleteसुन्दर गीत सुनाने के लिए धन्यवाद।
ReplyDeletegaana kitthe hai ??
ReplyDeleteGaana kahan hai?
ReplyDeletePlayer is not visible.... afsos ek sundar geer se vanchit rah gaya...
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