Tuesday, June 24, 2008

इस हुस्न पे मैं हैरान हुआ


कबाड़खाना के मंच पर आप पहले भी रत्ना बसु को सुन चुके हैं. लीजिए आज एक बार फिर उनकी गायकी एक अंदाज से रू-ब-रू होते हैं-


2 comments:

  1. बहुत अच्छे साब!

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  2. क्या बात है जवाहिर चा !
    कबाड़खाना में आप वाकई एक उत्तम कबाड़ी हो ! मेरी ओर से पांवलागी!

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