कल सुबह मेल में आदरणीय असद ज़ैदी जी का मेल था. साथ में एक अटैचमेन्ट.
मेल यूं थी:
"उमराव बुन्दू खाँ दिल्ली घराने के मशहूर सारंगीवादक बुन्दू खाँ के बेटे
थे. खुद भी बहुत मशहूर हुए. उमराव खाँ सारंगीनवाज तो थे ही, गाते भी बहुत
अच्छा थे. उनकी आवाज में गौड़ सारंग की यह बन्दिश सुनकर लगता है कि इसकी
ईजाद इन्हीं के लिये हुई थी."
सुनिये साहब:
उस्ताद की नार पसंद आई साहब!
ReplyDeleteसारंगी कब बजेगी?
वाह! क्या कहने...
ReplyDeleteउस्ताद उमराव खां की गाई यह बंदिश 'सुंदर नार' लाजवाब लगी . उस्ताद बुंदू खां साहब की सारंगी तो कई बार सुनी पर उनके सुपुत्र उमराव खां को सुनने का यह पहला मौका आपके जरिए मिला .
ReplyDeleteबुंदू खां साहब के सारंगीवादन की नौ-दस क्लिप्स 'आईटीसी-एसआरए' की साइट पर उपलब्ध हैं .
संगीत रसिकों के लिए इस साइट पर हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत के शताधिक दिग्गजों की लाजवाब क्लिप्स मौजूद हैं .