Thursday, May 7, 2009

राहुल तुम सचमुच 'राहुल बाबा' हो!

राहुल गांधी की इस समय प्रेस कांफ्रेंस सीरीज दरअसल कांग्रेस के चंद चापलूस नेताओं की वेवकूफी है. सरकार के पांच सालों के बीच इस तरह की कान्फ्रेंसें चला करती हैं. यह आगे हो सकती थी. उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की तारीफ़ की, नितीश की शान में कसीदे काढ़े, जयललिता को महान बताया. ये सभी कांग्रेस के विरोधी लोग हैं और एनडीए का हिस्सा रहे हैं; अथवा हैं. चुनाव बाद गठबंधन की मजबूरी समझ में आती है लेकिन चुनाव के बीच इस तरह की बातों से यूपीए के सहयोगी माने जाने वाले लालू, पासवान, करूणानिधि और मुलायम छिटक नहीं जायेंगे?

जैसे मैंने भाजपा के 'भय हो' का शव परीक्षण डंके की चोट पर किया उसके बाद वह विज्ञापन बंद हो गया. उसी तरह राहुल गांधी और उनके अशुभचिंतकों को यह बात समझ में आ जानी चाहिए कि बड़े से बड़े और बहुत भावनात्मक लगनेवाले मुद्दे पर वह चुनाव पूरा होने तक इस तरह की वकवास नहीं करेंगे. हालांकि अब बहुत देर हो चुकी है.

७ मई के मतदान में फंसी ८५ सीटों पर यूपीए ने अगर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया तो चुनाव बाद कांग्रेस को पता नहीं किसका-किसका दरवाज़ा खटखटाना पड़ेगा. राहुल गांधी ने यह काम चुनाव से पहले करके बहुत गलत संकेत दे दिया है.

देखने की बात यह भी है कि राहुल की इस असमय हुई महान प्रेस कांफ्रेंस के बाद अब यूपीए कितना बचेगा! राहुल ने कुल्हाड़ी पर पाँव दे मारा है. राहुल तुम सचमुच 'राहुल बाबा' ही हो!

2 comments:

  1. आपकी भविष्य वाणी सच हो।
    घुघूती बासूती

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  2. परिणाम आने के बाद आप के क्या विचार है|

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