Friday, May 22, 2009

तब और अब

5 comments:

  1. बहुत बढ़िया अशोक भाई। और गैरी लार्सन तो कमाल है।

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  2. सुनते हैं ऑस्ट्रेलिया में टी. वी. बहुत कम देखा जा रहा है और कई विकसित देश' नो टी.वी. डे' मनाते आ रहे हैं . हमारे यहाँ के न्यूज़ चैनल्स तो मनोहर कहानियां और सत्य कथा सरीखी मग्ज़ीन्स को कब की धता बता चुके हैं , फिर भी जाने क्या स्वाद लेते हैं लोग इनमें . Anyway people's choice reigns supreme. I personally hate t.v. ,but significance of Discovery and class can't be denied.

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