Saturday, June 27, 2009

कैसा ये प्यार है वल्लाह वल्लाह

सबके अपने अपने काम हैं साहब.

और सभी को अपने काम प्यारे हैं.

ये तस्वीरें मुझे मेरे मित्र पारितोष पन्त के सौजन्य से प्राप्त हुईं. उनके सौजन्य से आप पहले भी कई महान तस्वीरें देख चुके हैं. जनाब हल्द्वानी शहर में विराजते हैं और पेशे से इंजीनियर कम मैनेजर ज़्यादा है. उनका शुक्राना.






(तस्वीरों पर क्लिक करेंगे तो वे ज़रा बड़ी और साफ़ नज़र आएंगी)

1 comment:

  1. पहले चित्र के बारे मे तो ज्यादा कुछ कहने की हिम्मत नही है लेकिन दूसरे चित्र के हिरो को तो उनके कौशल के आधार पर खेल मंत्रालय मे उचित स्थान दिया जाना चाहिये।

    ReplyDelete