Thursday, July 23, 2009

बारिश... बारिश... बारिश...




15 comments:

  1. सारे गीत अद्भुत हैं...धरती से जुड़े हुए...बहुत ही अच्छा...
    नीरज

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  2. पेंटिंग मुझे अच्छी लग रही हैं खासकर इनके तोतिये शेड्स ! हालाँकि, काफी समय से आप मेरी पोस्टों को अपनी क़ीमती टिप्पणियों से महरूम रक्खे हैं ..... यहाँ बदला वफ़ा का बेवफाई के सिवा क्या है !

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  4. अद्भुत!
    वाह क्या ग्रीन है
    वाह क्या सीन है
    हरा है, मन भरा है!

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  5. हम्‍म । कोसा कोसा लगता है चांद परोसा लगता है

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  6. ओ हरे मैं तुझसे कितना प्रेम करता हूं..
    hare ki sangat karrahe rahe rango se bhi.

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  7. ये हरा हमें भी बहुत प्रिय है रविंद्र जी। बहुत सुंदर पेंटिंग है सभी, बारिश के सभी रंगों को समेटे।

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