Tuesday, April 20, 2010

शेक्सपीयर की एक सीख



मन बिला वजह थोड़ा ख़राब भी था और गर्मी ने दिमाग के परखच्चे उड़ाए हुए थे. मैंने गर्मी को चिढ़ाने की नीयत से शेक्सपीयर के अपने प्रिय नाटकों में से एक अ विन्टर्स टेल निकाल दिया. कुछ देर मज़ा रहा लेकिन फ़ायदा कुछ ख़ास नहीं हुआ. एक पंक्ति पर निगाह थमी और फिर जैसा था वैसा ही हो गया. आप भी पढ़ें:

What's gone and what's past help
Should be past grief.

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