Tuesday, August 31, 2010

रोहित उमराव के कैमरे से सारस -३






नया परिवार बसाने को नई जगह ढूंढ़ते न ढूंढ़ते बारिशें आ गईं.

सो ठिकाने के चारों तरफ़ पानी से घिरा होने के बावजूद उसे महफ़ूज़ तो रखा ही जाना था सो इस सारस युगल ने उस जगह के आसपास की घास को उखाड़ कर इतना ऊंचा बना लिया कि वहां मादा सारस अण्डे दे सके.

इस प्रक्रिया की अगली सीरीज़ अगली किस्त में.

4 comments:

  1. ऐसे चित्र जिन्हें देखते रहो लेकिन मन न भरे...अद्भुत...
    नीरज

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  2. bhai kafi kathor parishram kar dala.....

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