अभी अजय जी का हिमाचल से फोन आया…कबाड़खाना के माडरेटर भाई अशोक पांडे के पिता जी नहीं रहे…
इधर कई बार बातचीत में अशोक पिताजी के स्वास्थ्य के बारे में बताते रहते थे।
वह पिछले कुछ समय से काफ़ी बीमार चल रहे थे।
दुख की इस घड़ी में कबाड़खाने का यह पूरा वर्चुअल परिवार आपके साथ है भाई…
इश्वर मृत आत्मा को शांति प्रदान करे...
ReplyDeleteमृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूँ...इश्वर परिवार जन को इस दुखद घडी में संबल प्रदान करे...
ReplyDeleteनीरज
bahut dukh hua jankar...samvednayen ashokji ke sath...
ReplyDeleteमाता पिता के न रहने और बुजुर्गों का हाथ सिर पर से उठ जाने से जो सूनापन आ जाता है वह भरा नहीं जा सकता। भाई के परिवार को इस दुःख की घड़ी में ईश्वर सहनशक्ति दे।
ReplyDeleteईश्वर पिताजी को चिरशांति प्रदान करें भड़ास परिवार यही प्रार्थना करता है।
विनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteoh ! पाण्डेय जी के पिताजी को मेरी ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteबाप के जाने का ग़म मैं जानता हूँ . अशोक भाई हम अब आपके साथ हैं
ReplyDeleteबाप के जाने का ग़म मैं जानता हूँ . अशोक भाई हम अब आपके साथ हैं
ReplyDeleteओह..आसमान फट गया..श्रद्धांजलि..
ReplyDeleteबेहद बुरी खबर ....इस अंतहीन वेदना में कुछ कहने योग्य नहीं ...ईश्वर आपको शक्ति दे !
ReplyDeleteअशोक जी, मैं और आप एक ही नाव में सवार हैं। 3 दिसम्बर को मेरे पिताजी भी लंबी बीमारी के बाद चल बसे। दिवंगत आत्मा को शांति मिले यही कामना है।
ReplyDeleteश्रद्धांजलि..
ReplyDeleteश्रद्धांजलि..
ReplyDeleteसबसे अधिक पीडादायक है पिता का जाना..क्यूंकि पिता के साथ होने का अहसास मात्र आपको न जाने कितने दायित्त्वों से मुक्त कर देता है, उनका जाना अर्थात कई अतिरिक्त दायित्त्व.. दुख की इस घडी में हम आपके साथ हैं अशोक जी! परिवार को इस दुःख की घड़ी में ईश्वर सहनशक्ति दे।
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteइस खबर से आघात में हूँ.बेहद दुःख की घड़ी है.दिवंगत को श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteMy heartfelt condolences, Ashok. May his soul rest in peace. Amen.
ReplyDeleteकिसी अज़ीज़ को खोने का दुख तो होता ही है पर नियति के सामने किसका बस चले। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें॥
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteहार्दिक श्रद्धांजली . ईश्वर आत्मा को शान्ति प्रदान करे
ReplyDeleteआपके पिताजी को श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteदुखद घटना है..अशोक जी के आदरणीय पिता जी को हार्दिक श्रद्धांजलि!
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि.
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि .....
ReplyDeleteAshok will move on...though he is a very emotional fellow as i am...but he will move on...his earning is his friends...and i know how he looked after his father...like a soldier on the front...he did not even blink his eyes...hamare liye Ashok ek misaal hai..chahe dost hon...chahe pita...bhai bandhu...usne sabke prati apne buniyadi kartvayon ko nibhaya...hats off to u Ashok!
ReplyDeleteबहुत दुःख हुआ जानकार....
ReplyDeleteश्रद्धांजलि...
बहुत दुःख हुआ जानकर....
ReplyDeleteश्रद्धांजलि...
मेरी विनम्र श्रद्धांजलि .
ReplyDeleteदुःख की इस घड़ी में हम भी आपके साथ हैं!
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि।
ReplyDeleteAshok Ji
ReplyDeletePlease accept my heart-felt condolence on your bereavement.
Regards
बहुत दुखद .. हार्दिक श्रद्धांजलि !!
ReplyDeletemy deep heartfelt condolences.
ReplyDeleteआज तड़के पता चला, कुछ नहीं सूझा कि क्या कहा जाए. अशोक भाई जब-तब पिता के बारे में बात करते थे. एक ऐसा सरोकार होता था जो एक बीमार या वृद्ध व्यक्ति के प्रति एक मनुष्य का होने ही चाहिए. हमेशा ही भावुकता से बचते हुए, एक जरूरी जिम्मेदारी की तरह. लेकिन जाहिर है कि अब बहुत मुश्किल गुजर रही होगी, जिसे रोके रखा होगा, छलकने को होता होगा. सान्तवना जैसा कुछ मेरे पास नहीं है, क्या कहूं..
ReplyDeleteस्तंभित हूँ.. अपनी पहली बातचीत में ही फोन पर उन्होंने बताया था की आजकल अपने पिताजी की देखभाल में लगे हुए हैं.. उम्मीद करता हूँ की उन्हें इस दुःख य से उबरने की शक्ति मिलेगी.
ReplyDeleteश्रद्धांजलि!
ReplyDeletebehad dukhad samachar.
ReplyDeleteishwar unhe is dukh ko sahne kee kshmta de ...
shraddhanjali
Ishwar divangat aatma ko shanti aur parivarijanon/mitron ko dukh sahne ki shakti deven.
ReplyDeleteIshwar unki aatma ko shanti evam aapko parivar sahit yeh dukh sahne ki shakti pradan kare.
ReplyDeleteमृत आत्मा को विनम्र श्रद्धांजलि...। ईश्वर अशोक जी को यह दुख सहन करने की शक्ति दें। हमारी संवेदनाएँ उनके साथ हैं।
ReplyDeleteश्रद्धांजलि..
ReplyDeleteविनम्र श्रद्धांजलि..
ReplyDeleteदारुण दुःख की घड़ी है! मुझे देर से पता चला. अशोक भाई, धीरज रखिये.
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