Wednesday, March 9, 2011

मट्टी कहे कुम्हार को

पंडित भीमसेन जोशी गा रहे हैं कबीरदास जी की रचना


3 comments:

  1. एक दिन ऐसा आयेगा, जब मैं रौदूँगी तोय।

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  2. आखिर मट्टी में मिल जाना ...

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  3. पहले भी सुनी है... आज फिर सुन के अच्छा लगा

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