१९८० के दशक में ग़ुलाम अली और आशा भोंसले ने मेराज़-ए-ग़ज़ल शीर्षक अल्बम में कुछ बेहतरीन ग़ज़लें पेश की थीं. उनमें से कुछ यहां पहले पोस्ट की जा चुकी हैं. कोई पच्चीस साल बाद यह जुगलबन्दी दोबारा सुनने को मिली. अहमद अनीस की रचनाओं को इस अल्बम में ग़ुलाम अली के सुपुत्र आमिर अली ने कम्पोज़ किया है
अल्बम की लॉन्च के समय ग़ुलाम अली ने कहा "मुझे नहीं मालूम था कि आमिर कम्पोज़ कर रहे हैं. मुझे बहुत हैरत हुई जब उन्होंने मुझसे इस बाबत बात की. मैंने यथासम्भव उनकी मदद की" गौरतलब है कि इस अल्बम पर कोई पांच साल की मेहनत लगी. आज इस अल्बम से पहले सुनिये आशा भोंसले को
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