अमरीकी मूल की लिंडा हेस पिछले कई सालों से देश-विदेश में कबीरदास जी की अमर वाणी के प्रचार-प्रसार में जिस उत्साह से लगी हुई हैं, उसे देख कर कई बार प्रसन्नता-मिश्रित ईर्ष्या होती है. कुछ साल पहले मालवा के पद्मश्री प्रहलादसिंह टिपाणिया जी उनके साथ अमरीका गए थे. उस यात्रा में कई शहरों में टिपाणिया जी ने अपनी प्रस्तुतियाँ दी थीं. उन्हीं में से एक आज आप के वास्ते –
हमारे यहाँ यानि उज्जैन के प्रहलादजी
ReplyDeleteहम बस खो गये..
ReplyDeleteआद्भुत...
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