Thursday, May 10, 2012
फिर कौन चाहता है रक्तपात
कौन चाहता है रक्तपात
संजय चतुर्वेदी
दिमाग़ नहीं ख़राब उनका
नहीं चाहते वे मरना-मारना
आरामपसन्द हैं वे भी
और घर जैसा घर चाहिए उन्हें
एक-सी हवा मिले सबको
फिर कौन चाहता है रक्तपात
1 comment:
Anupama Tripathi
May 10, 2012 at 4:35 PM
गहन चिंतन ..
सार्थक प्रस्तुति ..
शुभकामनायें..
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गहन चिंतन ..
ReplyDeleteसार्थक प्रस्तुति ..
शुभकामनायें..