बारिश, गिरो ना !
गिरो ना बारिश
उन बिना प्यार की गई स्त्री पर
गिरो ना बारिश
अनबहे आंसुओं के बदले
गिरो ना बारिश गुपचुप
गिरो ना बारिश
दरके हुए खेतों पर
गिरो ना बारिश
सूखे कुंओं पर
गिरो ना बारिश जल्दी
गिरो ना बारिश
नापाम की लपटों पर
गिरो ना बारिश
जलते गांवों पर
गिरो ना बारिश भयंकर तरीके से
गिरो ना बारिश
अनंत रेगिस्तान के ऊपर
गिरो ना बारिश
छिपे हुए बीजों पर
गिरो ना बारिश हौले-हौले
गिरो ना बारिश
फिर से जीवित होते हरे पर
गिरो ना बारिश
चमकते हुए कल की खातिर
गिरो ना बारिश आज!
गिरो ना बारिश
उन बिना प्यार की गई स्त्री पर
गिरो ना बारिश
अनबहे आंसुओं के बदले
गिरो ना बारिश गुपचुप
गिरो ना बारिश
दरके हुए खेतों पर
गिरो ना बारिश
सूखे कुंओं पर
गिरो ना बारिश जल्दी
गिरो ना बारिश
नापाम की लपटों पर
गिरो ना बारिश
जलते गांवों पर
गिरो ना बारिश भयंकर तरीके से
गिरो ना बारिश
अनंत रेगिस्तान के ऊपर
गिरो ना बारिश
छिपे हुए बीजों पर
गिरो ना बारिश हौले-हौले
गिरो ना बारिश
फिर से जीवित होते हरे पर
गिरो ना बारिश
चमकते हुए कल की खातिर
गिरो ना बारिश आज!

बहुत ही अच्छी कविता, और अनुवाद भी..
ReplyDeleteबढ़िया कविता है।
ReplyDeleteati sunder
ReplyDeletewah! kya baat
ReplyDeletekya baat!
ReplyDeletegiro na barish
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