Friday, October 18, 2013
चोरी चोरी निकल गया नी, रै गया जग विच शोर
उस्ताद नुसरत फ़तेह अली खान से सुनिए बाबा बुल्ले शाह की रचना-
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
View mobile version
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment