हमेशा ऐसा ही था यह ...
हमेशा ऐसा ही था यह
कि आग है सर्दियों का केंद्र
जब दहक रही होती हैं लकड़ियाँ
सिर्फ़ वही पत्थर जारी रखते हैं अपनी भयंकर चिंघाड़
जो नजदीक आना नहीं चाहते
हिरन के सींग पर बंधी घंटी बंद कर चुकी है बजना
जीवन एक अवसर है
सिर्फ़ एक अवसर
जो भी देखता है समय
पाएगा कि वह अचानक बूढ़ा हो गया है
वाह !
ReplyDeleteनव वर्ष शुभ और मंगलमय हो !