Sunday, November 30, 2014
बुजुर्गों से
बुजुर्गों से
- अनीता वर्मा
हम चलते रहे अपनी चाल
आपको पीछे
कर चुप्पी को अनसुनी कर
हम गिरते रहे अपने हाल
दरवेश किस्से सुनाते रहे नौजवान पैंचे लड़ाते रहे
इसी बीच बाजार में बिकने लगे नाती पोते.
(चित्र: वान गॉग की कलाकृति)
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