Saturday, February 28, 2015
ऐसे बादल तो फिर भी आएँगे, ऐसी बरसात फिर नहीं होगी
उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान की एक और कम्पोजीशन प्रस्तुत कर रहा हूँ -
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