Saturday, March 21, 2015
ज़िया मोहिउद्दीन - मई दादा
एक शानदार किस्सा. असद मोहम्मद खान का लिखा यह संस्मरण किस्सागोई की उस गंगा-जमनी परम्परा से निकला है जिस का मैं तो मुरीद हूँ. ऊपर से ज़िया साब की आवाज़. कबाडखाना एक्सक्लूसिव –
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