Saturday, June 28, 2008

ई देखो बिग्यापोन


(कबाड़खाने का दूसरा आधिकारिक विज्ञापन )

अभी रोशन हैं चाहत के दिये हम सबकी आँखों में
बुझाने के लिये पागल हवायें रोज़ आती हैं .
- मुनव्वर राना

6 comments:

  1. लालटेनवा कित्ते का दिया जी , जे तो बताईयेगा :)

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  2. ई लालटेनवा जीवन के अंधेरों को भी रोशन करेगा कि नहीं ?
    घास पर रखा क्या कर रहा है ?

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  3. लालट्रेन दिखाकर दिए की बात,
    बहूत नाइंसाफ़ी है

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  4. शेर अच्‍छा लगा....

    इत्‍तेफाक से पहले नहीं सुना या पढ़ा था...

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  5. मुन्नवर राना का शेर-बहुत दमदार.

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  6. Wonderful Blog. I think, Hindi blogs are getting more popular than English ones.

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