आजकल मेरे गांव में बिजली की आवाजाही बड़ी चुहल कर रही है। आती है है तो रुला-रुलाकर, झिला-झिलाकर और जाती है तो ऐसे कि जैसे उसकी गाड़ी छूट रही हो. अपन तो बस्स कहते ही रह जाते हैं कि 'अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नही' लेकिन वह कहती है 'वो चली मैं चली...' और पतली गली से निकल लेती है. अब आदत ऐसी पड़ गई है कि बिजली नहीं तो जैसे कुछ नहीं. ऊपर से गर्मी और उमस कहे कि 'आज न छोड़ेंगे...' तब? तब तो यही आलम कि 'बैठे रहें तसव्वुरे जानां किए हुए'. होता यह है कि जैसे ही पसीने की नदी उफ़नाने लगती तो अपन दिल और देह को थोड़ी तसल्ली देने के वास्ते यह गाना पूरे कुनबे के साथ समवेत स्वर में गाने लगते हईं क्योंकि किसी कवि ने ही तो कहा है न कि 'गाना आए या न आए॥' खैर यह गाना मारीशस के गायक फ़जील का गाया हुआ है. इसमें यह भी देख सकते हैं कि किसी जमाने में 'गिरमिटिया' बनकर अपने भाइयों -बहनों की संततियों ने किस जतन से अपनी भाषा भोजपुरी को जीवित और जीवंत रक्खा है और हां इसे सुनकर थोड़ी देर के पसीने चुहचुहाहट भूल जायें तो क्या कहने . तो खवातीनो-हजरात ! सुनते हैं - टप-टप चुएला पसीना सजन बिना:
Friday, August 29, 2008
टप-टप चुएला पसीना सजन बिना
आजकल मेरे गांव में बिजली की आवाजाही बड़ी चुहल कर रही है। आती है है तो रुला-रुलाकर, झिला-झिलाकर और जाती है तो ऐसे कि जैसे उसकी गाड़ी छूट रही हो. अपन तो बस्स कहते ही रह जाते हैं कि 'अभी ना जाओ छोड़कर कि दिल अभी भरा नही' लेकिन वह कहती है 'वो चली मैं चली...' और पतली गली से निकल लेती है. अब आदत ऐसी पड़ गई है कि बिजली नहीं तो जैसे कुछ नहीं. ऊपर से गर्मी और उमस कहे कि 'आज न छोड़ेंगे...' तब? तब तो यही आलम कि 'बैठे रहें तसव्वुरे जानां किए हुए'. होता यह है कि जैसे ही पसीने की नदी उफ़नाने लगती तो अपन दिल और देह को थोड़ी तसल्ली देने के वास्ते यह गाना पूरे कुनबे के साथ समवेत स्वर में गाने लगते हईं क्योंकि किसी कवि ने ही तो कहा है न कि 'गाना आए या न आए॥' खैर यह गाना मारीशस के गायक फ़जील का गाया हुआ है. इसमें यह भी देख सकते हैं कि किसी जमाने में 'गिरमिटिया' बनकर अपने भाइयों -बहनों की संततियों ने किस जतन से अपनी भाषा भोजपुरी को जीवित और जीवंत रक्खा है और हां इसे सुनकर थोड़ी देर के पसीने चुहचुहाहट भूल जायें तो क्या कहने . तो खवातीनो-हजरात ! सुनते हैं - टप-टप चुएला पसीना सजन बिना:
Waah ! Acchi prastuti !
ReplyDeleteati sundar
ReplyDeleteबेहतरीन..आभार.
ReplyDeletekya baat hai jawahir chaaaaaa !
ReplyDelete