Friday, October 17, 2008

सेर पर सवासेर !

(वजन तैं तो मरैगा)





पंडा: करोति पांडित्यम्
ज्ञानर्बघारिते ब्लगम्
अनेषां पिण्ड किं लाभम्
जब ख्वर पर पड़ें सड़े अण्डे.

5 comments:

  1. जब सर पर पड़ें सड़े अंडे,बाल लहराए रेशम-रेशम।

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  2. गाँजा सोंटितम् पण्डा।
    पुलिसः पीटतम् डण्डा।
    वर्जितं गृहे जावत्,
    बहिरे खादितम् अण्डा।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
    कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  3. सुमन भाई को सलाम! क्या लिख डाला!

    और बाबा नखलऊई! तुस्सी की करदे ओ! कोछ सरम फ़रम राखी! सारे किस्से एत्थेई मुकाणेने?

    जेब्बात!

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  4. nice shlok, but the chap in pic is not a panda !

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