Thursday, March 18, 2010

जब आप किसी के बारे में सोचते हैं



इस क्षण मुझे लगता है
शायद समूचे ब्रह्माण्ड में कोई भी मेरे बारे में नहीं सोच रहा है.
केवल मैं ही अपने बारे में सोच रहा हूं
और अगर मैं अभी मर जाऊं
तो कोई भी मेरे बारे में नहीं सोचेगा, मैं भी नहीं.

जैसे, जब मैं सो जाता हूं -
यहीं से शुरू होता है वह पाताल.
मैं खुद अपना सहारा हूं और उसे ही छीन लेता हूं खुद से.
मैं अनुपस्थितियों से हर चीज पर परदा खेंचने में मदद करता हूं.

शायद इसीलिये
जब आप किसी के बारे में सोचते हैं
आप उसे बचा रहे होते हैं.

रॉबेर्तो हुआर्रोज़ की यह छोटी सी कविता उनकी एक लम्बी कविता-श्रृंखला वर्टिकल पोयट्री का हिस्सा है. हुआर्रोज़ अर्जेन्टीना के बीसवीं सदी के अग्रणी कवियों में गिने जाते हैं. उनकी कविताओं के बारे में ऑक्तावियो पाज़ का कथन था - "रॉबेर्तो हुआर्रोज़ की हर कविता हैरत अंगेज़ शाब्दिक क्रिस्टल जैसी होती है. वे भाषा को रोशनी के किसी मोती की तरह पिरोने में माहिर हैं."

यह अनुवाद मूल स्पानी से किया गया है.

11 comments:

  1. Sad, but true ! This rhymeless & uncouth jugglery of words is unforunately and sadly true!

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  2. कविता अच्‍छी लगी, संक्षिप्‍त और सरसरी निगाह डालने पर मन को छू लेने वाली।

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  3. जीवन में कई बार ऐसा महसूस होता है कि मेरे बारे में कोई नहीं सोंच रहा ...या मेरा कोई नहीं है ..उस वक्त लगता है कि जीवन छूट रहा है..
    दरअसल वास्तविकता यह होती है कि हम किसी के बारे में नहीं सोंचते ...हम किसी के नहीं होते.
    ..जब हम प्रेम कर रहे होते हैं ..प्रकृति के किसी भी अंश से तो हमारे भीतर ऐसी निराशा नहीं होती.
    ...कवि कहता है कि जब आप किसी के बारे में सोंच रहे होते हैं आप उसे बचा रहे होते हैं...इसे यूँ भी समझा जा सकता है कि जब हम किसी के बारे में सोंच रहे होते हैं हम खुद को भी बचा रहे होते हैं.
    ..गहन चिंतन के लिए बाध्य करती कविता.
    ..आभार.

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  4. इस सोच्ने मे-"अच्छा सोच्ना" और "बुरा सोच्ना"-दोनो आ गये शायद.......

    शायद इसिलिये किसी के प्रती INDIFFERENT हो जाना सब्से बडी सज़ा है !

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  5. अहा, मेरी कविता !

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  6. ABCD ne satya kaha- kisi ke prati INDIFFERENT ho jana shayad sabse badi saza hai!

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  7. अनुवाद आपने किया है? बहुत बधाइयाँ। मुझे तो आपसे शिकायत थी की अंग्रंज़ी के अलावा कुछ नहीं जानते जिसकी हिंदी कर सकें। असीस।

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  8. kisi ke bare men bura sochana bhi use bachana hai ! han! bura karane ke liye bachana, shayad.....

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  9. jab aap kisi ke bare men sochte hai tab aap use suraksha kavach pradan karte hai .yedi uske liye prarthna karte hai tab aap uske liye aashish ka karan bante hai .

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