Saturday, March 13, 2010

तन विभूति पट केहरि छाला



पंडित छन्नूलाल मिश्र जी से सुनिये शिव विवाह

3 comments:

  1. बहुत सुंदर मगर अबरप्त इंडिंग से मजा किरकिरा हो गया

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  2. सुन रहा हूँ, संगीत का ज्ञान नहीं, पर अच्छा लग रहा है । आभार

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  3. उमा कहहुं मैं अनुभौ अपना, सत हरी भजन जगत सब सपना
    -- मानस

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