Tuesday, March 9, 2010

एक पुरानी यात्रा की यादें - २

(पिछली पोस्ट से जारी)



यहां मिलने वाली बीयरों में मुख्य हैं ‘हान्फ़’ बीयर (जो भंग की पत्तियों से बनाई जाती है) और ‘फुल मून’ बीयर जो कि जैसा नाम से जाहिर है पूरे चांद की रात बनाई जाती है। यहां बातचीत के दौरान मुझे अहसास हुआ कि असल में चार्ली बेहद यारबाश तबीयत का आदमी है। और बहुत बुद्धिमान भी। बात बात में चुटकुले सुनाने वाला चार्ली मुझे धीरे धीरे पसन्द आ रहा था।

कुछ दिनों बाद मुझे वापस भारत आना था और होली के दिनों में चार्ली और वेरनर ने। इस अन्तराल में इन दोनों की योजना तंजानिया जाने की भी थी।

जनवरी 2006 के शुरूआती दिनों में मुझे वेरनर की मेल मिली और साथ ही उसकी तंजानिया यात्रा की कुछ तस्वीरें भी। किलीमन्जारो और माउन्ट न्गोरोन्गोरो की बेहद चित्ताकर्षक छवियां भी इन तस्वीरों में थीं। वेरनर ने लिखा था कि तंजानिया यात्रा के दौरान चार्ली ने एक छोटी मोटी फिल्म भी बनाई थी जिसकी एक कॉपी वह मेरे लिए जरूर लेकर आएगा। यह भी कि चार्ली मुझसे मिलने को बेहद उत्साहित है।

बारह मार्च को आधी रात के बाद कभी ये दोनों दिल्ली उतरे। हवाई अड्डे से होटल तक आते आते चार्ली मुझे चार या पांच बार दिल्ली की सड़कों को अफ़्रीका की सड़कों से बेहतर बता चुका था। दोनों के रहने का प्रबन्ध मैंने सफदरजंग इन्क्लेव के एक होटल में किया हुआ था। उनका कमरा काफी साफ सुथरा था और उसे देखकर चार्ली बोला : "दिस इज़ बेयोन्ड माइ इमेजिनेशन।"



अगले दिन की शुरूआत हमने कुतुबमीनार से की। चार्ली तमाम तामझामों वाला अपना मूवी कैमरा लेकर आया था लेकिन उसे भीतर ले जाने की इजाज़त नहीं मिली। मैंने उसे कहा कि कैमरा गाड़ी में छोड़ दे। उसने कहा कि वह कैमरे की देखभाल करता बाहर ही रहना पसन्द करेगा। मैंने कहा कि ड्राइवर घरेलू आदमी जैसा है और पुराना परिचित भी। चार्ली के चेहरे पर थोड़ा संशय था लेकिन मेरे ज़िद करने पर वह मान गया। भीतर उसने एकाध बार चिन्तित होते हुए कैमरे की कुशलता को लेकर थोड़ी शंका जाहिर की और पिछली यात्राओं में खो चुकी चीजों का जिक्र भी किया पर मेरे समझाने पर वह शान्त हो गया।

कुतुब मीनार के परिसर में लगे पत्थरों पर लिखी इबारतें पढ़ता हुआ वह कह उठा: "जब तुम लोगों के पुरखे इस तरह की शानदार इमारतें बना रहे थे हमारे पुरखे गड्ढों में रहते थे।"

कैमरा गाड़ी में सुरक्षित था और हमारा ड्राइवर बालम सिंह चौकसी के साथ उसकी पहरेदारी कर रहा था।

कुतुबमीनार से वापस होटल की तरफ आते हुए रास्ते में ग्रीनपार्क की महंगी बाजार से होकर गुजरे। तमाम मल्टीनेशनल कम्पनियों के बोर्ड्स को देखकर चार्ली एक बार फिर से बोला:

"अफ़्रीका की तुलना में यहां की बाजारें ज्यादा विकसित हैं"

मैं इस तुलना से बहुत ज्यादा उत्साहित नहीं हुआ और कुछ कहना चाहता था लेकिन कुछ सोचकर चुप रहा। होटल से अब लालकिले जाने का प्रोग्राम था। दोनों ने पहली बार रिक्शे की सवारी का लुत्फ उठाया और दिल्ली के भयानक पागलपन से भरपूर ट्रैफिक का दर्शन भी किया। एक दफा वेरनर का रिक्शा डीटीसी की दो घरघराती बसों के बीच फंसा हुआ था और सामने से एक कार आ गई। अगल बगल से आगे निकलने को आतुर स्कूटर और मोटरसाइकिलें तो खैर थी हीं। आस्ट्रियाई रेलवे में बहुत ऊंचे ओहदे पर काम करने वाला हमेशा एसी गाड़ियों में घूमने वाला वेरनर बहुत निरीहता से पलट कर मुझे देख रहा था। मैंने इशारा करके उससे चिन्ता न करने को कहा।



लालकिले के बाहर किसी फिल्म की शूटिंग चल रही थी और हजारों लोग शूटिंग देखने को इकठ्ठा थे।

"ये तो पूरे ऑस्ट्रिया की आबादी से ज्यादा लोग हैं।" यहां की भीड़ की वेरनर को धीरे धीरे आदत पड़ रही थी और दिल्ली पहुंचने के बाद से पहली बार उसके चेहरे से तनाव कम हो रहा था।

छुट्टी का दिन होने के कारण पर्यटकों की खासी संख्या लाल किले के भीतर थी। खुद मुझे हैरत हुई कि हमारे देश में अभी भी लोगों के पास घूमने फिरने की फुरसत है। बहुत सारे नौजवान नवविवाहित जोड़े तस्वीरें खिंचाने में मसरूफ थे। मेरे विदेशी मित्र भी हरेक कोने और नक्काशीदार टुकड़े को कैमरे में कैद कर लेने की होड़ में थे।

9 comments:

  1. चार्ली से बतकही होती हो तो बता देना कि आजकल हमारे देश में मीनारों को गड्ढे में गिराने का अभियान चल रहा है...उसका अफसोस दूर हो जाएगा....वैसे बियर की सिर्फ बातें ही होंगी या...दिल्ली आओ तो भीमताल वाली कहानी दोहराई जाए...

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  2. पंकज बाबू

    भीमताल की कहानी दोहराने में अब तो सांगठनिक पाबन्दी भी नहीं है. जल्दी दिल्ली आ रहा हूं. मुलाकात की जाएगी.

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  3. अच्छा लगा संस्मरण ।

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  4. @‘फुल मून’ बीयर जो कि जैसा नाम से जाहिर है पूरे चांद की रात बनाई जाती है।
    It is believed that 'Soma' the myterious beverage of Rishis, often mistaken for liquor, was also prepared on full moon night.

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  5. o! i long for Soma the eternal nectar --the ultimate experience among drinks .

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  6. बीयर बनाने की process मे तीन प्रकार के yeast use होते है:-
    १) जो सतह पर तैरता रेह्ता है /
    २) जो तली मे बैथ जाता है ,और
    ३) जो पुरी बीयर मे,बीच मे ,तैरता रेह्ता है /

    अगर ये सात प्रकार की बीयर SYNTHETIC YEAST से flavoured है,तो फिर बाकी की चार बीयर की quality पेनीसिलीन से बनने वाले blue ribboned चीस के level की होगी /

    तो जनाब मजे की बात ये है की --चख्ने--की level की तो बीयर ही हो गयी !!!!(blue ribboned चीस , दुनिया मे सब्से अच्छा --चख्ना--है WINE का :-)yum..yum.. !)

    let's CHEERS,forget all fears !!!!!

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  7. बीयर बनाने की process मे तीन प्रकार के yeast use होते है:-
    १) जो सतह पर तैरता रेह्ता है /
    २) जो तली मे बैथ जाता है ,और
    ३) जो पुरी बीयर मे,बीच मे ,तैरता रेह्ता है /

    अगर ये सात प्रकार की बीयर SYNTHETIC YEAST से flavoured है,तो फिर बाकी की चार बीयर की quality पेनीसिलीन से बनने वाले blue ribboned चीस के level की होगी /

    तो जनाब मजे की बात ये है की --चख्ने--की level की तो बीयर ही हो गयी !!!!(blue ribboned चीस , दुनिया मे सब्से अच्छा --चख्ना--है WINE का :-)yum..yum.. !)

    let's CHEERS,forget all fears !!!!!

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  8. Yesssss Fk fear;Drink Bear !
    Itz not a daily-affair when we get such a learned and scholarly fellow like abcd. abcd i salute your know-how . By the way y don't come out, it will be a great pleasure to know you as u r if u r not some ghost or gandharva of yore !

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