Sunday, January 29, 2012

समदरसी है नाम तिहारो, चाहो तो पार करो


मुकुल शिवपुत्र से सुनिए सूरदास जी का भजन - हरि मोरे अवगुन चित न धरो -

6 comments:

  1. शानदार अशोक भाई

    ReplyDelete
  2. bahut hee anand dayak ...shukriya ashok ji for sharing

    ReplyDelete
  3. आदरणीय कुमार गन्धर्व के पुत्र

    ReplyDelete
  4. पं.मुकुल शिवपुत्र गाते हैं तो समय ठहर जाता है. कुमार गंधर्व की छाप वाली गायकी को मुकुलजी के स्वर में सुनना यानी एक रुहानी लोक की यात्रा करना है....कितनी शुध्दता,कैसी तबियत,कैसी विलक्षण गायकी....

    ReplyDelete
  5. वाह बहुत सुंदर .....संग्रहणीय ....आभार ।

    ReplyDelete