अहा..
शानदार अशोक भाई
bahut hee anand dayak ...shukriya ashok ji for sharing
आदरणीय कुमार गन्धर्व के पुत्र
पं.मुकुल शिवपुत्र गाते हैं तो समय ठहर जाता है. कुमार गंधर्व की छाप वाली गायकी को मुकुलजी के स्वर में सुनना यानी एक रुहानी लोक की यात्रा करना है....कितनी शुध्दता,कैसी तबियत,कैसी विलक्षण गायकी....
वाह बहुत सुंदर .....संग्रहणीय ....आभार ।
अहा..
ReplyDeleteशानदार अशोक भाई
ReplyDeletebahut hee anand dayak ...shukriya ashok ji for sharing
ReplyDeleteआदरणीय कुमार गन्धर्व के पुत्र
ReplyDeleteपं.मुकुल शिवपुत्र गाते हैं तो समय ठहर जाता है. कुमार गंधर्व की छाप वाली गायकी को मुकुलजी के स्वर में सुनना यानी एक रुहानी लोक की यात्रा करना है....कितनी शुध्दता,कैसी तबियत,कैसी विलक्षण गायकी....
ReplyDeleteवाह बहुत सुंदर .....संग्रहणीय ....आभार ।
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