Thursday, January 21, 2016

इस घर में नींद से बहुत लम्बी रात


इस घर में
-नवीन सागर


इस घर में घर से ज़्यादा धुआँ
अँधेरे से ज़्यादा अँधेरा
दीवार से बड़ी दरार.

इस घर में मलबा बहुत
जिसमें से साँस लेने की आवाज़ लगातार
आलों में लुप्‍त ज़िंदगियों का भान
चीज़ों में थकान.

इस घर में सब बेघर
इस घर में भटके हुए मेले
मकड़ी के जालों में लिपटे हुए
इस घर में
झुलसे हुए रंगों के धब्‍बे
सपनों की गर्द पर बच्‍चों की उँगलियों के निशान.

इस घर में नींद से बहुत लम्बी रात.

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