दिल्ली से एक और कबाड़ी आज हमारे यहाँ आ गए साब
दिल्ली में रहने वाले भूपेन का स्वागत करता है कबाड़खाना। हमारे न्यौते का उन्होने पूरा मान रखा। दिल्ली से एकसाथ दो कबाडियों की आज की आमद ने हमें उम्मीद बंधाई है कि अब यहाँ छोटे नगरों के अलावा महानगरीय कबाड़ भी बहुतायत में पाया जाएगा। कॉफ़ी हाउस नाम से उनका एक ब्लॉग पहले से ही अस्तित्वमान है। कबाड़खाने में उस का लिंक जोड़ दिया गया है। बी बी सी वाले राजेश जोशी अगर मेहरबान होँ तो यह स्थान अंतर्राष्ट्रीय कबाड़ भी प्रदर्शित कर सकेगा। लंदन वाले आलसी कबाड़ी कुछ तो भेजो!
4 comments:
दुकान तो सही है लाला। मेरी भी रद्दी रक्खोगे?
चन्दू चचा। ज़रूर। अपना मैल का पता भेद्दओ मेरे जीमैल पे जल्दी से ashokpande29@gmail
aao yaar . kya loge kuch Rum vagaira ??????????
are baabu tum bhi aa jaao. mil ke khali botlon ka dhandha karenge Munish.
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