1. हो मुबारक मंजरी फूलों भरी
हो मुबारक मंजरी फूलों भरी
ऐसी होरी खेलें जनाब अली
बारादरी
में रंग बनो है,
हसन बाग मची होरी
हसन बाग मची होरी
ऐसी होरी खेलें जनाब अली
बरस-बरस खेलें होरी
ऐसी होरी खेलें जनाब अली
2. होरी कैसे खेलूँ री मैं
बिरज
में होरी कैसे खेलूँ री मैं साँवरिया के संग
कोरे-कोरे
मटक मगाये
ता पर घोला रंग
भर पिचकारी सन्मुख मारी
अँगिया हो गई तंग-
बिरज में होली कैसे खेलू री में साँवरिया के संग
ता पर घोला रंग
भर पिचकारी सन्मुख मारी
अँगिया हो गई तंग-
बिरज में होली कैसे खेलू री में साँवरिया के संग
अबीर
उड़ता गुलाल उड़ता
उड़ते सातो रंग
भर पिचकारी सन्मुख मारी
अँगिया हो गई तंग-
बिरज में होली कैसे खेलू री में साँवरिया के संग
लहँगा तेरा घूम-घुमैला अँगिया
तेरी तंगउड़ते सातो रंग
भर पिचकारी सन्मुख मारी
अँगिया हो गई तंग-
बिरज में होली कैसे खेलू री में साँवरिया के संग
खसम तुम्हा रे बडे़ निखट्टू
चलो हमारे संग-
बिरज में होली कैसे खेलू री में साँवरिया के संग
(ये होलियाँ मशहूर जनकवि गिरीश तिवाड़ी 'गिर्दा' के होलीगीत-संकलन 'रंग डालि दियो अलबेलिन में' से साभार ली गई हैं)
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