अपने समूचे जीवन में हिंसा और युद्ध का खेल खेलने वाली अमरीकी और अन्य राजसत्ताओं का प्रखर विरोध करने वाली अमरीकी लोकगायिका जोन बाएज़ ने मानवाधिकारों के हनन के ख़िलाफ़ अपनी प्रतिभा का इस्तेमाल अनेक देशों में जाकर किया. उनकी सामाजिक प्रतिबद्धता और उनके सरोकारों के दायरे उनके गीतों के माध्यम से आपके सामने आते हैं और आप एकबारगी हतप्रभ रह जाते हैं.
बाएज़ का जन्म ९ जनवरी १९४१ को स्टैटन आइलैण्ड, न्यूयॉर्क में हुआ था. उनके पिता अल्बर्ट वी. बाएज़ बहुत छोटी उम्र में मैक्सिको से अमेरीका आ गए थे जबकि उनकी मां मूलतः ब्रिटिश थीं. अल्बर्ट पेशे से भौतिकविज्ञानी थे. उनकी लातीनी रंगत जोन ने विरासत में पाई थी जिसके कारण बचपन में संभवतः उन्हें रंगभेदी टिप्पणियों से दो चार होना पड़ा था और जिसके परिणाम बाद में उनके संगीत में देखे गए. अपने माता-पिता की अतिधार्मिकता से ज़रा भी प्रभावित न होने का दावा करने वाली जोन बाएज़ मानती हैं कि सामाजिक सरोकारों के प्रति उन्हें उनके माता-पिता ने ही सजग किया.
बचपन से ही घर में उन्हें शास्त्रीय संगीत का माहौल मिला लेकिन पियानो की जगह उन्हें गिटार और रॉक एन्ड रोल ने ज़्यादा आकर्षित किया. जोन के पिता का पेशा कुछ ऐसा था कि परिवार को दुनिया भर के शहरों में घूमते रहना होता था. जब वे दस साल की थीं, उनके परिवार को एक साल के लिये ईराक में रहना पड़ा. ईराक में देखी निर्धनता और खराब राजनैतिक स्थिति उनके जेहन में बहुत देर तक ठहरी रहीं और उनके एक गीत का विषय बनीं.
जोन ने थोड़े समय के लिये बोस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की. इस दौरान उन्हें कुछ लोकगायकों से मिलने का मौका हासिल हुआ - यह संगीत की उनकी पहली आधिकारिक तालीम का दौर साबित हुआ. साधारण लोकगीत गाने के साथ साथ जोन बाएज़ ने तमाम देशों के लोकगीत, धर्मगीत और ब्लूज़ वगैरह गाने शुरू किये. गायन की तकनीक सीखने के साथ साथ बाएज़ ने कॉफ़ीहाउसों में गाना शुरू किया, जहां छात्रों के बीच वे बहुत लोकप्रिय हुईं. इसी दौरान दूसरे गायकों ने भी उन के गायन का नोटिस लिया और मशहूर कैरेबियन गायक हैरी बैलाफ़ोन्टे ने तो उन्हें अपने ग्रुप के साथ काम तक करने का प्रस्ताव दिया.
१९५९ की गर्मियों में बाएज़ को रोड आइलैण्ड में होने वाले न्यूपोर्ट लोक समारोह में गाने के लिये आमंत्रित किया गया. इस बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर गाने के बाद वे बाकायदा एक स्टार बन गईं और पीट सीगर समेत तमाम बड़े गायकों से उनकी मित्रता हो गई. हालांकि उन्हें रेकॉर्डिंग कम्पनियों की तरफ़ से कई प्रस्ताव भी मिले पर उन्होंने बोस्टन के कॉफ़ीहाउसों में गाना नहीं छोड़ा. १९६० में ही वैनगार्ड ने उनका पहला अलबम निकाला. 'जोन बाएज़' नाम के इस अलबम ने उन्हें सारे पश्चिमी जगत और ख़ासतौर पर युवा पीढ़ी का चहेता बना दिया.
वियतनाम युद्ध के बाद के सालों में अमरीकी नीतियों का सतत विरोध करने के एवज़ में उन्हें दो बार गिरफ़्तार भी किया गया. बाएज़ के पति डेविड हैरिस को भी सरकारी नीतियों का विरोध करने की वजह से बीस महीने जेल में काटने पड़े थे.
राजनीति और मानवाधिकार उनके सरोकारों में हमेशा सबसे ऊपर रहे. १९९३ में रिफ़्यूजीज़ इन्टरनेशनल द्वारा उन्हें बोस्निया-हर्ज़गोवीना के शरणार्थी शिविरों की दुर्दशा देखने के लिये विशेष न्यौता मिला. फ़िलहाल पिछले कई सालों से पर्यावरण भी उनकी चिन्ताओं में एक है.
कल मैंने जोन का एक गीत कबाड़ख़ाने में सुनाया था. उसके बाद दो टिप्पणियां मिलीं जिन्होंने मेरा काफ़ी उत्साह बढ़ाया.
एक टिप्पणी अमरीका से आई जिसमें बाएज़ का शानदार गीत 'Please Come to Boston' सुनवाने का आग्रह किया गया था. इत्तेफ़ाक से यह गीत भी मेरे कबाड़-संग्रह में है. यह गीत अब अगली पोस्ट में ज़रूर लगाया जायेगा.
श्री अफ़लातून ने बाएज़ की आत्मकथा 'Daybreak' (प्रकाशन:१९६८) का ज़िक्र किया. यहां मैं उन्हें विनम्रतापूर्वक बताना चाहूंगा कि इस आत्मकथा के छपने के बीस साल बाद बाएज़ ने एक और आत्मकथा लिखी थी: 'And a Voice to Sing With'. आलोचक मानते हैं कि दूसरी वाली ज़्यादा प्रामाणिक है क्योंकि अपने दौर में बेस्टसेलर रह चुकने के बावजूद 'Daybreak'में साठ के दशक की रूमानियत थोड़ा ज़्यादा पाई जाती है. फ़िलहाल दोनों किताबें मैंने नहीं पढ़ी हैं.
जोन बाएज़ के बारे में मेरी सारी जानकारी उनके गीतों की सीडीज़ के एक सैट के साथ मिली छोटी सी पुस्तिका तक ही सीमित रह जानी थी यदि श्री अफ़लातून अपने एक ब्लॉग में उनका ज़िक्र न करते. इस लिहाज़ से यह पोस्ट मैं उन्हीं को समर्पित भी करता हूं. मेरे विचार जोन बाएज़ के कुछ गीत ज़रूर सुनने चाहिये, सो अगले एकाध दिन तक यहां यही आवाज़ सुनाई दे शायद कबाड़ख़ाने में.
अभी सुनिये बांग्लादेश की दरिद्रता पर लिखा और गाया बाएज़ का एक गीत 'सॉंग ऑफ़ बांग्लादेश:
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
The story of Bangladesh
Is an ancient one again made fresh
By blind men who carry out commmands
Which flow out of the laws upon which nations stand
Which is to sacrifice a people for a land
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
Once again we stand aside
And watch the families crucified
See a teenage mother's vacant eyes
As she watches her feeble baby try
To fight the monsoon rains and the cholera flies
And the students at the university
Asleep at night quite peacefully
The soldiers came and shot them in their beds
And terror took the dorm awakening shrieks of dread
And silent frozen forms and pillows drenched in red
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
Did you read about the army officer's plea
For donor's blood? It was given willingly
By boys who took the needles in their veins
And from their bodies every drop of blood was drained
No time to comprehend and there was little pain
And so the story of Bangladesh
Is an ancient one again made fresh
By all who carry out commands
Which flow out of the laws upon which nations stand
Which say to sacrifice a people for a land
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
बाएज़ का जन्म ९ जनवरी १९४१ को स्टैटन आइलैण्ड, न्यूयॉर्क में हुआ था. उनके पिता अल्बर्ट वी. बाएज़ बहुत छोटी उम्र में मैक्सिको से अमेरीका आ गए थे जबकि उनकी मां मूलतः ब्रिटिश थीं. अल्बर्ट पेशे से भौतिकविज्ञानी थे. उनकी लातीनी रंगत जोन ने विरासत में पाई थी जिसके कारण बचपन में संभवतः उन्हें रंगभेदी टिप्पणियों से दो चार होना पड़ा था और जिसके परिणाम बाद में उनके संगीत में देखे गए. अपने माता-पिता की अतिधार्मिकता से ज़रा भी प्रभावित न होने का दावा करने वाली जोन बाएज़ मानती हैं कि सामाजिक सरोकारों के प्रति उन्हें उनके माता-पिता ने ही सजग किया.
बचपन से ही घर में उन्हें शास्त्रीय संगीत का माहौल मिला लेकिन पियानो की जगह उन्हें गिटार और रॉक एन्ड रोल ने ज़्यादा आकर्षित किया. जोन के पिता का पेशा कुछ ऐसा था कि परिवार को दुनिया भर के शहरों में घूमते रहना होता था. जब वे दस साल की थीं, उनके परिवार को एक साल के लिये ईराक में रहना पड़ा. ईराक में देखी निर्धनता और खराब राजनैतिक स्थिति उनके जेहन में बहुत देर तक ठहरी रहीं और उनके एक गीत का विषय बनीं.
जोन ने थोड़े समय के लिये बोस्टन विश्वविद्यालय में पढ़ाई की. इस दौरान उन्हें कुछ लोकगायकों से मिलने का मौका हासिल हुआ - यह संगीत की उनकी पहली आधिकारिक तालीम का दौर साबित हुआ. साधारण लोकगीत गाने के साथ साथ जोन बाएज़ ने तमाम देशों के लोकगीत, धर्मगीत और ब्लूज़ वगैरह गाने शुरू किये. गायन की तकनीक सीखने के साथ साथ बाएज़ ने कॉफ़ीहाउसों में गाना शुरू किया, जहां छात्रों के बीच वे बहुत लोकप्रिय हुईं. इसी दौरान दूसरे गायकों ने भी उन के गायन का नोटिस लिया और मशहूर कैरेबियन गायक हैरी बैलाफ़ोन्टे ने तो उन्हें अपने ग्रुप के साथ काम तक करने का प्रस्ताव दिया.
१९५९ की गर्मियों में बाएज़ को रोड आइलैण्ड में होने वाले न्यूपोर्ट लोक समारोह में गाने के लिये आमंत्रित किया गया. इस बड़े प्लेटफ़ॉर्म पर गाने के बाद वे बाकायदा एक स्टार बन गईं और पीट सीगर समेत तमाम बड़े गायकों से उनकी मित्रता हो गई. हालांकि उन्हें रेकॉर्डिंग कम्पनियों की तरफ़ से कई प्रस्ताव भी मिले पर उन्होंने बोस्टन के कॉफ़ीहाउसों में गाना नहीं छोड़ा. १९६० में ही वैनगार्ड ने उनका पहला अलबम निकाला. 'जोन बाएज़' नाम के इस अलबम ने उन्हें सारे पश्चिमी जगत और ख़ासतौर पर युवा पीढ़ी का चहेता बना दिया.
वियतनाम युद्ध के बाद के सालों में अमरीकी नीतियों का सतत विरोध करने के एवज़ में उन्हें दो बार गिरफ़्तार भी किया गया. बाएज़ के पति डेविड हैरिस को भी सरकारी नीतियों का विरोध करने की वजह से बीस महीने जेल में काटने पड़े थे.
राजनीति और मानवाधिकार उनके सरोकारों में हमेशा सबसे ऊपर रहे. १९९३ में रिफ़्यूजीज़ इन्टरनेशनल द्वारा उन्हें बोस्निया-हर्ज़गोवीना के शरणार्थी शिविरों की दुर्दशा देखने के लिये विशेष न्यौता मिला. फ़िलहाल पिछले कई सालों से पर्यावरण भी उनकी चिन्ताओं में एक है.
कल मैंने जोन का एक गीत कबाड़ख़ाने में सुनाया था. उसके बाद दो टिप्पणियां मिलीं जिन्होंने मेरा काफ़ी उत्साह बढ़ाया.
एक टिप्पणी अमरीका से आई जिसमें बाएज़ का शानदार गीत 'Please Come to Boston' सुनवाने का आग्रह किया गया था. इत्तेफ़ाक से यह गीत भी मेरे कबाड़-संग्रह में है. यह गीत अब अगली पोस्ट में ज़रूर लगाया जायेगा.
श्री अफ़लातून ने बाएज़ की आत्मकथा 'Daybreak' (प्रकाशन:१९६८) का ज़िक्र किया. यहां मैं उन्हें विनम्रतापूर्वक बताना चाहूंगा कि इस आत्मकथा के छपने के बीस साल बाद बाएज़ ने एक और आत्मकथा लिखी थी: 'And a Voice to Sing With'. आलोचक मानते हैं कि दूसरी वाली ज़्यादा प्रामाणिक है क्योंकि अपने दौर में बेस्टसेलर रह चुकने के बावजूद 'Daybreak'में साठ के दशक की रूमानियत थोड़ा ज़्यादा पाई जाती है. फ़िलहाल दोनों किताबें मैंने नहीं पढ़ी हैं.
जोन बाएज़ के बारे में मेरी सारी जानकारी उनके गीतों की सीडीज़ के एक सैट के साथ मिली छोटी सी पुस्तिका तक ही सीमित रह जानी थी यदि श्री अफ़लातून अपने एक ब्लॉग में उनका ज़िक्र न करते. इस लिहाज़ से यह पोस्ट मैं उन्हीं को समर्पित भी करता हूं. मेरे विचार जोन बाएज़ के कुछ गीत ज़रूर सुनने चाहिये, सो अगले एकाध दिन तक यहां यही आवाज़ सुनाई दे शायद कबाड़ख़ाने में.
अभी सुनिये बांग्लादेश की दरिद्रता पर लिखा और गाया बाएज़ का एक गीत 'सॉंग ऑफ़ बांग्लादेश:
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
The story of Bangladesh
Is an ancient one again made fresh
By blind men who carry out commmands
Which flow out of the laws upon which nations stand
Which is to sacrifice a people for a land
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
Once again we stand aside
And watch the families crucified
See a teenage mother's vacant eyes
As she watches her feeble baby try
To fight the monsoon rains and the cholera flies
And the students at the university
Asleep at night quite peacefully
The soldiers came and shot them in their beds
And terror took the dorm awakening shrieks of dread
And silent frozen forms and pillows drenched in red
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
Did you read about the army officer's plea
For donor's blood? It was given willingly
By boys who took the needles in their veins
And from their bodies every drop of blood was drained
No time to comprehend and there was little pain
And so the story of Bangladesh
Is an ancient one again made fresh
By all who carry out commands
Which flow out of the laws upon which nations stand
Which say to sacrifice a people for a land
Bangladesh, Bangladesh
Bangladesh, Bangladesh
When the sun sinks in the west
Die a million people of the Bangladesh
5 comments:
आपके समर्पण को सादर स्वीकार करता हूँ। Daybreak की एक प्रति और अपने ढेर सारे album (lp रेकॉर्ड्स के ) उन्होंने मेरे पिता , नारायण देसाई को १९६९ में दिए थे । उस मिलन का रूमानी विवरण मेरे पिता ने अपने यात्रा विवरण यत्रविश्वंभव्त्येकनीडम में किया है। किताब प्रकाशक(सर्व सेवा संघ प्रकाशन,वाराणसी) के पास नहीं है ,लेखक से जुटा सका तो वह अध्याय जरूर दूँगा ।
- अफ़लातून.
achchha laga..
padhkar bhi aur sun kar bhi..
aapane meri maang abhi tak poori nahi ki.. jaldi kijiye nahi to main dharnaa par baith jaaunga.. :)
क्या बात है अशोक भाई. बहुत बढ़िया. लगे रहिये. हम भी लगे हैं. अपने बस का काम कर रहे हैं आसाँ देख कर.
अशोक जी,
जोन बाएज़ के संबंध में लिखा रोचक आलेख और अनसुनें गीत के लिये धन्यवाद। अमरीकी Folk music कई अर्थों में Protest music भी है। इसे सुनने,सराहनें और अपनी तरह से इस पर अमल करने वाला वर्ग भी इस देश में मौजूद है।
वाह
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